बेंगलुरु: डिप्टी एसपी द्वारा कथित तौर पर आत्महत्या के संबंध में मंत्री के जे जार्ज के ख़िलाफ़ सीबीआई जांच और उनकी बर्खास्त की मांग के समर्थन में विपक्षी दलों ने डे-नाइट विरोध प्रदर्शन के बाद गुरुवार को भी सदन की कार्यवाही बाधित की |
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा , भाजपा और जद (एस) के सदस्यों की इस मांग को ख़ारिज किये जाने के बाद विपक्षी दलों ने सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाजी की |
सिद्धारमैया ने के जॉर्ज के इस्तीफे की मांग को खारिज करते हुए कहा कि उनके ख़िलाफ़ कोई सुबूत नहीं है और भाजपा द्वारा इस मामले की जाँच सीबीआई को सौंपने से इनकार करते हुए कहा कि इसकी जाँच सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग द्वारा जांच की जाएगी |
न्यायिक आयोग को जांच सौंपने और जॉर्ज को बरखास्त नहीं करने के सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए विपक्षी भाजपा नेता जगदीश शेट्टार ने कहा, “सरकार असंवेदनशील और घमंडी है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि ईमानदार अधिकारियों को सरकार के द्वारा कोई सुरक्षा नहीं मिली हुई और पता नहीं क्यों सिद्धारमैया, जॉर्ज के प्रति “विशेष स्नेह” दिखा रहे हैं |
51 वर्षीय डिप्टी एसपी गणपति 7 जुलाई को मडिकेरी में एक लॉज में एक कमरे में पंखे से लटके पाए गये थे इससे पहले एक स्थानीय टीवी को दिए गये इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि अगर मेरे साथ कुछ भी होता है तो इसके ज़िम्मेदार मंत्री और ए एम प्रसाद (आईजी-इंटेलीजेंस) प्रणब मोहंती (आईजीपी-लोकायुक्त) होंगे |
विपक्ष द्वारा विरोध जारी रखा गया जबकि कानून मंत्री टी बी जयचंद्र ने कहा कि इस मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गये हैं इसके लिए अभी कुछ निष्कर्षों का इंतजार करना होगा ।