डिप्टी सीएम का बड़ा आरोप : बालू माफिया फंडिंग करते हैं लालू प्रसाद को

पटना : डिप्टी सीएम का पदभार ग्रहण करने के बाद सुशील कुमार मोदी ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके कुनबे पर फिर से बड़ा हमला किया है. मंगलवार को पुराना सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि बालू माफिया लालू प्रसाद और उनकी पार्टी राजद को बड़े स्तर पर फंडिंग करते हैं. बालू माफियाओं की कंपनियों में उनके परिवार वालों का भी बड़े स्तर पर पैसा लगा हुआ है. लालू प्रसाद के परिवार वालों और बालू माफियाओं के पूरे सिंडिकेट से जुड़ी बातों का खुलासा करेंगे. आने वाले एक-दो दिन में वह इससे जुड़ी तमाम कागजातों के साथ वकायदा प्रेस वार्ता करेंगे.
डिप्टी सीएम ने अपने कार्यालय में एनबीएफसी (नन-बैंकिंग फाइनेंसिंग कंपनी) से संबंधित एक विशेष वेबसाइट को लांच किया. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि  हेलीयस कंपनी के निदेशक संजय कुमार सिंह को पुलिस पकड़ती है और तीन दिन में ही उन्हें बेल मिल जाती है. यह बेहद ही गंभीर मामला है कि इतने बड़े गबन के आरोपी और भगोड़ा घोषित आरोपी को पुलिस की लापरवाही के कारण बेल मिल जाती है. जो जमीन प्रतिबंधित कर दी गयी है, उस पर अपार्टमेंट बन रहा है.
बाद में इसे कोर्ट के आदेश से रोका गया. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में उन्होंने पटना जोन के आइजी नैयर हसनैन खान से बात की है और पूरे मामले की जानकारी ली है. डिप्टी सीएम ने कहा कि बिहार भ्रष्टाचार छोड़ो नारे के साथ बेनामी संपत्ति, शराब तस्करी, भ्रष्ट लोक सेवक एवं जन प्रतिनिधि के खिलाफ बड़े स्तर पर कार्रवाई की जायेगी. इस बार राज्य में जो सरकार बनी है,
उसके कोर एजेंडा में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करना है. इसके लिए व्यापक स्तर पर रणनीति तैयार कर ली गयी है. सभी स्तर पर भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई की जायेगी.
डिप्टी सीएम ने कहा कि सरकारी कार्यालयों में करप्शन को रोकने के लिए सबसे कारगर तरीका आइटी के संसाधनों को अपनाना है. जल्द ही जनता को सभी तरह की सेवाएं ऑनलाइन ही मिलने लगेंगी. सेवाओं के आदान-प्रदान में मानव हस्तक्षेप जितना कम होगा, भ्रष्टाचार उतना ही कम होगा.
जल्द ही सभी सरकारी कार्य और सेवाओं को ऑनलाइन कर दिया जायेगा. इसे लेकर तेजी से कार्य किये जा रहे हैं. जल्द ही सभी इसे पूरा कर लिया जायेगा. तमाम योजनाओं के रुपये को डीबीटी (डायरेक्ट बेनीफेट ट्रांसफर) के माध्यम से सीधे लाभुक के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जायेगा. अब ये रुपये उनके पास सीधे जायेंगे.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि फर्जी एनबीएफसी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए ही यह विशेष वेबसाइट लांच की गयी है. राज्य में काम करने वाली सभी एनबीएफसी को इसमें निबंधन करवाना अनिवार्य होगा. जिस एनबीएफसी का इसमें निबंधन नहीं होगा, वह फर्जी या आधिकारिक रूप से सही नहीं मानी जायेगी.
उन्होंने कहा कि इस वेबसाइट में जल्द ही ऑनलाइन शिकायत करने की सुविधा शुरू की जायेगी. फिलहाल यह सुविधा इसमें नहीं है, लेकिन बहुत जल्द यह सुविधा भी इसमें जुड़ जायेगी. इस वेबसाइट की वजह से सभी लोगों को यह पता हो पायेगा कि किस जिले में कौन सी कंपनी काम कर रही है. राज्य में अब तक 129 फर्जी एनबीएफसी के खिलाफ मामले दर्ज हो चुके हैं.