वाशिंगटन, 14 दिसंबर: ( पीटीआई) मुहक्क़ीक़ीन ने दावा किया है कि डिप्रेशन पर क़ाबू पाने के लिए एक नई दवा ईजाद की गई है जो उतनी ही तेज़ी से अपना असर दिखाती है जितनी कुटिया माइन दिखाती है, लेकिन उसकी सबसे अहम ख़ुसूसीयत ये होगी कि इसके कोई ज़िमनी असरात मुरत्तिब नहीं होंगे ।
अमेरीका की नेशनल इंस्टीटियूट आफ़ हैल्थ की जानिब से एक आज़माईश के दौरान जब मज़कूरा दवा का मरीज़ों पर इस्तेमाल किया गया तो इनमें डिप्रेशन की कैफ़ीयत इन्हितात पज़ीर होगी। इलावा अज़ीं डिप्रेशन की कैफ़ीयत मिनटों में ख़त्म होने के बावजूद दवा का कोई ज़िमनी असर देखने में नहीं आया ।
इस दवा का नाम AZD 6765 है जो दिमाग़ के पयामरसानी निज़ाम के ज़रीया अपनी कारकर्दगी दिखाता है । मौजूदा तौर पर डिप्रेशन में कमी के लिए जो अदवियात दस्तयाब हैं वो भी इसी दिमाग़ी निज़ाम के तहत काम करती हैं लेकिन अपना असर दिखाने में वो ज़ाइद वक़्त लेती हैं और डिप्रेशन में कमी के लिए मरीज़ बेचैन होता है ।
मरीज़ चाहता है कि दवा लेते ही वो डिप्रेशन के असर से बाहर आ जाए वर्ना डिप्रेशन उसे ख़ुदकुशी कर लेने की हद तक बेचैन कर सकता है । कुटिया माइन भी कुछ ही घंटों में अपना असर दिखाती है लेकिन उसकी यही ख़ूबी ज़िमनी असरात की वजह से मानद पड़ जाती है ।
नैशनल इंस्टीटियूट आफ़ मेंटल हेल्थ के डाक्टर कार्लोस ज़राटे ने कहा कि हमारी रिसर्च ने कामयाबी हासिल की है और हम डिप्रेशन के मरीज़ों के लिए एक मूसिर और बगै़र ज़िमनी असरात मुरत्तिब किए हुए नई दवा इजाद कर चुके हैं ।