डिफेंस मजबूत करने की जरूरत है भारतीय पुरुष हॉकी टीम को : कोच हैंस स्ट्रीडर

बेंगलुरू: भारतीय पुरुष हॉकी टीम के विश्लेषणात्मक कोच हैंस स्ट्रीडर ने शुक्रवार को इस बात पर जोर दिया है कि टीम को उसका डिफेंस मजबूत करने की जरूरत है. स्ट्रीडर का कहना है कि मजबूत डिफेंस अन्य शीर्ष टीमों और भारतीय टीम के बीच अंतर को कम करने में सहायक हो सकता है. नीदरलैंड्स के स्ट्रीडर 14 मार्च को राष्ट्रीय टीम के शिविर से जुड़े थे, जहां 33 सदस्यीय पुरुष हॉकी टीम सुल्तान अजलान शाह कप के लिए तैयारी कर रही है.

स्ट्रीडर ने कहा कि अगर टीम का डिफेंस मजबूत होता है, तो वह और बेहतर रूप से प्रतिस्पर्धा कर सकती है. मुख्य कोच रोलेंट ओल्टमैंस और स्ट्रीडर ने बांग्लादेश में एशिया कप और हॉकी वल्र्ड लीग (एचडब्ल्यूएल) फाइनल भुवनेश्वर-2017 के लिए टीम के प्रमुख लक्ष्यों की पहचान की है.

स्ट्रीडर ने कहा, “मैं टीम को उसका डिफेंस मजबूत करते देखना चाहता हूं. अगर आप का डिफेंस मजबूत है, तभी आप बिना किसी चिंता के प्रतिस्पर्धी टीम पर हमला कर सकते हैं.”

भारतीय हॉकी के लिए स्ट्रीडर कोई अनजान चेहरा नहीं हैं. 2012 में उन्होंने भारतीेय टीम के रोटरडम दौरे के दौरान मुख्य कोच माइकल नोब्स के साथ काम किया था. वह तीन साल तक कोल इंडिया हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल) की टीम उत्तर प्रदेश विजार्डस के विश्लेषणात्मक कोच थे.

स्ट्रीडर ने कहा, “मैंने इन सभी खिलाड़ियों को करीबी तौर से खेलते हुए देखा है. वे सभी कुशल और उत्साहित खिलाड़ी हैं.”

उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि राष्ट्रीय पुरुष हॉकी टीम को एक साथ प्रशिक्षण के लिए छह सप्ताह का समय मिला, क्योंकि नीदरलैंड्स में केवल दो या तीन सप्ताह का समय मिलता है. यह भारतीय टीम और भी बेहतर हुई है, क्योंकि इसे बहुत करीब से देखने का मौका मिला है.

स्ट्रीडर इससे पहले नीदरलैंड्स की जूनियर टीम के साथ जुड़े हुए थे और उन्होंने करीबी तौर पर इस टीम को दिसम्बर, 2016 में विश्व कप का खिताब जीतते हुए देखा है.