डीज़ल कीमत में इज़ाफ़ा और गैस सिलेंडरों पर तहदेद (Limit/ सीमित) मजबूरी: ख़ूर्शीद

फर्रुखाबाद (यू पी), ०३ अक्तूबर (पी टी आई) हुकूमत पेट्रोलीयम अशिया पर सब्सीडी को मुकम्मल तौर पर ख़त्म कर देना चाहती है , मर्कज़ी वज़ीर सलमान ख़ूर्शीद ने आज ये बात कहते हुए मुतनब्बा (Warning/ सावधान) किया कि मुसलसल नुक़्सानात एम एन आर इजी ए और उन आर एच एम (MNREGA) and NRHM) जैसी बहबूदी उसके मात को बंद कर देने पर मजबूर कर सकते हैं।

ख़ूर्शीद ने यहां प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान सवालात के जवाब देते हुए कहा कि डीज़ल की कीमत में इज़ाफ़ा और पकवान गैस के रियायती सिलेंडरों की तादाद पर तहदेद (Limit/ सिमित) लगाना हुकूमत की मजबूरी है। वज़ीर क़ानून ने कहा कि ये इक़दाम ( कार्य) करने से क़बल दो लाख करोड़ रुपय का नुक़्सान हुआ करता था लेकिन हनूज़ ( अभी तक) हुकूमत को 1.6 लाख करोड़ रुपय का नुक़्सान बर्दाश्त करना पड़ेगा ।

उन्होंने कहा कि अवाम मर्कज़ी स्कीमात जैसे एम एन आर इजी ए (MNREGA) और क़ौमी देही सेहत मिशन (राष्ट्रीय ग्राम स्वास्थ्य मिशन/National Rural Health Mission) से फ़ायदा उठा रहे हैं लेकिन अगर हुकूमत के नुक़्सानात में इज़ाफ़ा होता रहे तो इन स्कीमात ( Schemes) को बंद करने पर मजबूर होना पड़ेगा।

ख़ूर्शीद ने कहा कि आने वाले दिनों में हुकूमत पेट्रोलीयम अशिया जैसे पकवान गैस पर सब्सीडी को मुकम्मल तौर पर ख़त्म करना चाहती है। एक सवाल पर ख़ूर्शीद ने कहा कि सी ए जी रिपोर्ट को क़तई नहीं समझा जा सकता है। वज़ीर मौसूफ़ ने कहा कि सी ए जी रिपोर्ट को पब्लिक एकांट्स कमेटी और पार्लीमेंटरी बोर्ड के रूबरू रखने के बाद ही पार्ल्यमंट ( संसद) में पेश किया जा सकता है। उन्होंने ये भी कहा कि एफ डी आई इस मुल़्क की तरक़्क़ी के लिए ज़रूरी है क्योंकि गरीबों के लिए स्कीमात चलाने रक़म दरकार ( वांछित/ जरूरी) है ।