डीज़ल की कीमतों में अनक़रीब ( जल्द) इज़ाफ़ा का इमकान नहीं : कोशक बासू

ख़ुश्कसाली जैसी सूरत-ए-हाल और इफरात-ए-ज़र की मरहून-ए-मिन्नत डीज़ल की कीमतों में जल्द इज़ाफ़ा किए जाने का इमकान ( संभावना) नहीं है। और ये इशारा ऐसी शख्सियत की तरफ़ से सामने आया है जो अभी तक मालियाती ख़सारा (नुकसान/ हानी) पर क़ाबू पाने के लिए कीमतों में इज़ाफ़ा की ताईद (पक्षपात/ तरफदारी) करते रहे हैं।

मआशी ( आर्थिक) मुशीर आला ( परामर्श/ सलाहकार) की हैसियत से डाक्टर कोशक बासू ने अपने आख़िरी रोज़ कहा : आप को बैन अल-अक़वामी ( अंतर्राष्ट्रीय) कीमतों पर नज़र रखना होगा। साथ ही ख़ुश्कसाली जैसी सूरत-ए-हाल इफरात‍ ए‍ ज़र (इज़ाफा) को बढ़ा देगी। लिहाज़ा हुकूमत को डीज़ल की कीमत में इज़ाफ़ा के बारे में कोई फैसला करने के लिए मुनासिब-ए-वक़्त (समय के अनुसार) का इंतिख़ाब ( चयन) करना पड़ेगा।