डीयू छात्रा की अश्लील तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल, कोर्ट के आदेश पर तस्वीरों को हटाया गया

दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय की एक छात्रा को दो सप्ताह से ज्यादा समय तक भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. उस छात्रा की कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल हो रही थीं. जिन्हें इंटरनेट से हटाने में 16 दिन की देरी हुई क्योंकि उन शर्मनाक तस्वीरों को हटाने के रास्ते में कानून ही बाधा बना रहा. कोर्ट के आदेश पर आईटी विभाग ने उन अश्लील तस्वीरों को इंटरनेट से हटाया है.

दरअसल, सरकार के प्रौद्योगिकी विभाग ने पीड़ित छात्रा को इंटरनेट से उसकी अश्लील तस्वीरें हटाने के लिए कोर्ट का आर्डर लाने के लिए कहा था. विभाग का कहना था कि इस संबंध में कोई भी कदम उठाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित नए दिशा निर्देशों के तहत ही कार्रवाई की जाएगी.इस संबंध में बनाया गया नया कानून साइबर विशेषज्ञों के लिए अच्छा नहीं माना जा रहा है, उनके मुताबिक साइबर क्राइम और ऑनलाइन उत्पीड़न के शिकार बने लोगों को यह अधिक नुकसान करता है. साइबर विशेषज्ञ और वकील प्रशांत माली का कहना है कि अदालत का आदेश लाना एक लंबी और विस्तृत प्रक्रिया है, और यह पीड़ितों की मुसीबतों में इजाफा करता है.

दिल्ली विश्वविद्यालय की एक छात्रा स्वाति (बदला हुआ नाम) को पता चला कि उसकी नग्न तस्वीरें पोर्न वेबसाइटों पर दिख रही हैं. जो कथित तौर पर उसके पूर्व प्रेमी ने इंटरनेट पर अपलोड की हैं. पीड़ित छात्रा का कहना है कि उसने कॉलेज की डांस सोसाइटी ज्वॉइन की थी, जिससे उसका ब्वॉयफ्रेंड नाराज था और फिर उनका ब्रेकअप हो गया था.तीन महीने बाद स्वाति की एक दोस्त ने उसे मैसेज भेजकर उसकी आपत्तिजनक तस्वीरों के बारे में बताया. पीड़ित छात्रा का कहना है कि उसके दोस्तों ने उसे बताया कि कथित तौर पर उसके पूर्व प्रेमी ने ही वो तस्वीरें इंटरनेट पर अपलोड की हैं. इस बारे में उसे दोस्तों ही नहीं बल्कि अजनबियों से भी कुछ मैसेज मिले थे.

पीड़िता का कहना है कि उन तस्वीरों के वायरल हो जाने के बाद से उसका घर से निकलना भी मुश्किल हो गया है. इस बात से परेशान होकर स्वाति ने पुलिस में शिकायत करने का फैसला किया और 7 जनवरी को एक प्राथमिकी दर्ज कराई. पुलिस सूचना एवं प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया.मुकदमा दर्ज हो जाने के बाद जब प्रौद्योगिकी विभाग से विभिन्न साइटों को ब्लॉक करने और उनसे पीड़ित छात्रा की तस्वीरें हटाने के लिए संपर्क किया गया तो, विभाग ने कहा कि इसके लिए पहले अदालत से आदेश लाना होगा. नए कानून के मुताबिक इस तरह की किसी भी कार्रवाई लिए कोर्ट ऑर्डर आवश्यक है.

इसके बाद पुलिस ने आखिरकार 23 जनवरी को कोर्ट से इस संबंध में आदेश प्राप्त कर लिया. मामले की जांच अधिकारी इंस्पेक्टर कामिनी गुप्ता ने बताया कि कोर्ट ऑर्डर मिलने के बाद आईटी विभाग ने आपत्तिजनक तस्वीरों और सामग्री को इंटरनेट से तुरंत हटा दिया है. अप पुलिस की एक टीम आरोपी युवक की तलाश में गुवाहाटी गई है.