नई दिल्ली, 28 मार्च: वज़ीरे दिफ़ा ए के एन्टोनी डी आर डी ओ के जूनियर रिसर्च सीलो साइंसदाँ एजाज़ मिर्ज़ा की 12 फ़रवरी 2013 को बरतरफ़ी की तहक़ीक़ात का हुक्म दिया है। एजाज़ मिर्ज़ा उस तारीख़ को रुस्वाए ज़माना बैंगलूर दहश्तगर्दी मुक़द्दमे के सिलसिले में क़ैद में थे। उन्हें सितंबर 2012 में दीगर 12 नौजवानों के साथ बैंगलूर पुलिस ने गिरफ़्तार किया था और इल्ज़ाम आइद किया था कि उन्होंने भगवा सियासतदानों और सहाफ़ियों के क़त्ल की साज़िश की थी।
21 फ़रवरी 2013 को एन आई ए ने फ़र्दे जुर्म पेश किया था,लेकिन एजाज़ मिर्ज़ा, सहाफ़ी मुतीउर्रहमान सिद्दीक़ी और यूसुफ़ अली के ख़िलाफ़ फ़र्दे जुर्म पेश नहीं किया गया और तीनों को जेल से रिहा कर दिया गया था।