डी ऐम के रुकन पार्लीमैंट को बड़ी राहत ,पासपोर्टस जमा करवा देने की शर्त

नई दिल्ली २९ नवंबर ( पी टी आई ) 2G स्पॆक्ट्रम् स्क़ाम में डी ऐम के की रुकन पार्लीमैंट कन्नी मोज़ही और दीगर चार मुल्ज़िमीन को ज़बरदस्त राहत देते हुए दिल्ली हाइकोर्ट ने आज इन सब की ज़मानत मंज़ूर कर ली ।

इन तमाम मुल्ज़िमीन को गुज़शता हफ़्ता सुप्रीम कोर्ट में जिस तरह पाँच मुल्ज़िमीन को ज़मानत दी गई थी उसी तर्ज़ पर ज़मानत दे दी गई है । जस्टिस वे के शाही ने कहा कि वो इन पाँच अफ़राद की ज़मानत मंज़ूर कर रहे हैं और शराइत वही होंगी जो सुप्रीम कोर्ट ने आइद की हैं।

कन्नी मोज़ही के इलावा आज जिन दीगर चार अफ़राद की ज़मानत मंज़ूर की गई है इन में कलाईगनार टी वी के एम डी शरद कुमार बाली वुड के फ़िल्म साज़ करीम मोरानी कोसे गावॊं फ़रुट्स ऐंड वेजीटेबलस पराईओट लिमेटेड के डायरैक्टरस राजीव अग्रवाल और आसिफ़ बुलवा शामिल हैं।

अदालत ने ताहम छुटे मुल्ज़िम और साबिक़ टेलीकॉम सैक्रेटरी सिद्धार्थ बीहोरा की ज़मानत की दरख़ास्त पर अपना फ़ैसला महफ़ूज़ रखा है और कहा कि फ़ैसला माबाद सुनाया जाएगा क्योंकि सी बी आई ने ज़मानत की मुख़ालिफ़त की है ।

जस्टिस शाही ने बीहोरा के वकील से कहा कि इन के मुवक्किल ने सी बी आई के इद्दिआ पर तहरीरें दाख़िल की हैं। क़ब्लअज़ीं एडीशनल सालीसीटर जनरल मोहन परासरण ने कहा कि तहक़ीक़ाती एजैंसी इन पाँच अफ़राद को ज़मानत फ़राहम करने की मुख़ालिफ़ नहीं है और उन को इस बुनियाद पर रहा किया जा सकता है कि सुप्रीम कोर्ट ने पाँच मुल्ज़िमीन को पहले ही ज़मानत दे दी है ।

एडीशनल सालीसीटर जनरल ने ताहम बीहोरा की दरख़ास्त ज़मानत की मुख़ालिफ़त की और कहा कि सरकारी मुलाज़मीन की ज़मानतों का बग़ौर जायज़ा लेने की ज़रूरत होती है क्योंकि वो अवामी इमलाक के ज़िम्मेदार होते हैं। कन्नी मोज़ही और दीगर चार मुल्ज़िमीन ने 23 नवंबर को हाइकोर्ट में ज़मानत केलिए दरख़ास्त दायर की थी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट की जानिब से दीगर पाँच मुल्ज़िमीन कॉरपोरेट ऎग्ज्युटिव संजय चंद्रा विनोद गोइंका गौतम दोषी हरी नायर और सुरेंद्र पीपारा की ज़मानत मंज़ूर करदी थी ।

सुप्रीम कोर्ट ने इन कॉरपोरेट एगज़ीकीटीवज़ पर शर्त आइद की थी कि वो अपने पासपोर्टस जमा करवादेंगे और अदालत की इजाज़त के बगै़र मुल्क से बाहर नहीं जाऐंगे । मुल्ज़िमीन को ये भी हिदायत दी गई थी कि वो हर समाअत के वक़्त ख़ुसूसी सी बी आई अदालत में हाज़िर रहेंगे और अदालत से गैरहाज़िरी की सूरत में उन्हें क़बल अज़ वक़्त इजाज़त हासिल करनी होगी ।

साबिक़ वज़ीर टेलीकॉम मिस्टर ए राजा ने अभी तक किसी भी अदालत में ज़मानत की दरख़ास्त दायर नहीं की है । वो इस केस के कलीदी मुल्ज़िम क़रार दिए गए हैं और तिहाड़ जेल में क़ैद हैं। इस केस के दीगर मुल्ज़िमीन मैं मिस्टर राजा के साबिक़ पराईवॆट् सैक्रेटरी आर के चण्डू लिया और स्वान टेलीकॉम के प्रोमोटर शाहिद उसमान बुलवा शामिल हैं।