डेंगू बुख़ार बच्चों के ज़रीया तेज़ी से फैलने वाली बीमारी

अलीगढ़ 9 अक्टूबर (यू एन आई) डेंगू बुख़ार, बच्चों के ज़रीया दुनिया में सब से ज़्यादा तेज़ी से फैलने वाली वाइरल बीमारी है। दीगर हेमू रीजक बुख़ार जैसे कर यमीन कांगो, हेमोरेजिक बुख़ार, चिकनगुनिया और हनतान वाइरस भी धीरे धीरे हिंदूस्तान में दाख़िल हो रहे हैं। इन ख़्यालात का इज़हार आज अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी के-वाआइस चांसलर प्रोफ़ैसर पी के अबदुलअज़ीज़ ने जे एन मैडीकल कॉलिज के माईक्रो बायो लो जी शोबा के जे़रे एहतिमाम इमर्जिन्ग ट्रेंड इन डेंगू ऐंड उदर हेमोरेजिक फीवर मौज़ू पर मुनाक़िदा क़ौमी सैमीनार से ख़िताब करते हुए किया। यूनीवर्सिटी की एक प्रैस रीलीज़ के मुताबिक़ प्रोफ़ैसर अज़ीज़ ने कहा कि गुज़श्ता पच्चास सालों में डेंगू बुख़ार से मुतास्सिर मरीज़ों की तादाद में इज़ाफ़ा हुआ है और अब ये नए ममालिक में भी फैलता जा रहा ही। और मौजूदा दहाई में इस ने शहरी इलाक़ों के इलावा देही इलाक़ों को भी अपनी चपेट में ले लिया है। उन्हों ने कहा कि हिंदूस्तान में तक़रीबन पच्चास मिलय्न लोगों को हर साल डेंगू का इन्फ़ैक्शन होता है और 25मुलैय्यन अफ़राद डेंगू से मुतास्सिर ममालिक में रहते हैं। उन्हों ने कहा कि 2010मैं जुलाई से अक्तूबर तक अलीगढ़ में भी तेज़ी से डेंगू फैला था औरा स मुद्दत में 238 डेंगू के मुआमलात सामने आए थे। प्रोफ़ैसर अज़ीज़ ने कहा कि डेंगू के ख़ातमा के लिए समाज और ज़िला इंतिज़ामीया का मुशतर्का तआवुन बेहद ज़रूरी है। अलीगढ़ के ज़िला मजिस्ट्रेट मनीष चौहान ने कहा कि डेंगू और दीगर हेमोरेजिक बुखारों को कंट्रोल करने के लिए पोलीयो तदारुक प्रोग्राम की तर्ज़ पर अवामी बेदारी के प्रोग्राम चलाने की ज़रूरत है। उन्हों ने कहा कि हमें इस मौज़ू पर समाज में बेदारी लानी होगी जिस में प्रिंट और इलैक़्ट्रोनिक मीडीया अहम रोल अदा करसकते हैं। मिस्टर चौहान ने कहा कि डेंगू के मर्ज़ को कंट्रोल करने में इन जी औज़ की मदद भी ली जानी चाआई।प्रैस रीलीज़ में कहा गया कि प्रोग्राम की कन्वीनर प्रोफ़ैसर आबिदा मलिक ने कहा कि मलेरीया, डेंगू-ओ-चिकनगुनिया के इलावा दीगर वाइरल बुखारों के दुबारा पैदा होने की वजह से हेमोरेजिक बख़ारो के मरीज़ों की तादाद मुस्तक़िल बढ़ रही है जो तशवीश का बाइस है। प्रोफ़ैसर आबिदा ने कहा कि ग़लत जांच औरा स की रिपोर्ट में ताख़ीर की वजह से इस मर्ज़ की परेशानी को समझने में दिक़्क़त पेश आरही है। उन्हों ने कहा कि डॉक्टर्स और तिब्बी सहूलयात मुहय्या कराने वालों के लिए ना सिर्फ अलीगढ़ बल्कि पूरे मुल्क में दिक़्क़त की एक बड़ी वजह ये भी है। उन्हों ने बताया कि गुज़श्ता साल0से ज़ाइद डेंगू के मुआमलात जे एन मैडीकल कॉलिज में सामने आए जबकि इस साल आज तक तीस डेंगू के कैसीज़ सामने ए चुके हैं। प्रोफ़ैसर आबिदा मलिक ने अपने सैंटर में इस सिम्त में की जा रही स्टडी के हवाले से बताया कि अभी तकडीनगो के मुश्तबा मरीज़ों में जांच के बाद9फ़ीसद मरीज़ों में चिकनगुनिया की अलामात पाई गई है।