डॉक्टर्स और इंजीनियरस की हौसलाअफ़्ज़ाई पर ज़ोर : अब्दुल कलम

मिज़ाईल टेक्नालोजी के मुमताज़ साईंसदाँ और साबिक़ सदर जमहूरीया डॉ ए पी जे अब्दुल कलम ने अपने इस तास्सुर का इज़हार किया कि डॉक्टर्स और इंजीनियरस अपनी सलाहीयतों के ज़रीये हैरतअंगेज़ करिश्मे कर दिखा सकते हैं।

बशर्तिके हुकूमत की तरफ से उनकी मुनासिब हौसलाअफ़्ज़ाई की जाये। उस्मानिया यूनीवर्सिटी के ज़ेरे एहतेमाम मुनाक़िदा बायो मेडिकल साइंसिस के ज़ेरे उनवान एक सेमिनार से ख़िताब करते हुए साबिक़ सदर जमहूरीया ने कहा कि मुल्क के डॉक्टर्स और इंजीनियरस अपनी सलाहीयतों के ज़रीये करिश्माती कारनामे अंजाम दे सकते हैं लेकिन वो अपने पेशे से मरबूत काम में बहुत ज़्यादा मशग़ूल रहते हैं इस लिए उन्हें मख़सूस शोबों पर तहक़ीक़ और तजुर्बे के लिए दरकार वक़्त नहीं मिल सकता।

अब्दुल कलम ने यूनीवर्सिटीज़ को मश्वरह दिया कि तलबा-ए-को मयारी तालीम फ़राहम की जाये क्युंकि डॉक्टर्स और इंजीनियरस के ज़रीये मुल्क नुमायां तरक़्क़ी करसकता है।