डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर और वज़ीरे सेहत की हैसियत से डॉक्टर टी राजैया की काबीना से बरतरफ़ी ने तेलंगाना काबीना के दीगर वुज़रा को चौकस कर दिया है। चीफ़ मिनिस्टर ने महकमा सेहत में मुबैयना बे क़ाईदगियों के इल्ज़ामात के तहत डॉक्टर राजैया को अचानक काबीना से बरतरफ़ कर दिया था।
डॉक्टर राजैया की बरतरफ़ी का असर साफ़ तौर पर तेलंगाना सेक्रेट्रीएट, वुज़रा और आला ओहदेदारों के चैंबर्स पर दिखाई दे रहा है। डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर की हैसियत से राजैया की बरतरफ़ी के बाद आज सेक्रेट्रीएट में काम का पहला दिन था।
तेलंगाना के दीगर वुज़रा आज ओहदेदारों के साथ मसरूफ़ देखे गए। वो अपने अपने मह्कमाजात की कारकर्दगी के बारे में जायज़ा इजलास में मसरूफ़ थे। वुज़रा के चैंबर्स में डॉक्टर राजैया की बरतरफ़ी अहम मौज़ू बहस थी।
दिलचस्प बात ये देखी गई कि वुज़रा और आला ओहदेदारों के चैंबर्स में सियासी क़ाइदीन की तादाद काफ़ी कम थी जो आम तौर पर किसी ना किसी पैरवी या सिफ़ारिश के तौर पर मौजूद रहते। सेक्रेट्रीएट में आज वुज़रा की ग़ैर मामूली सरगर्मीयों को देखते हुए ऐसा महसूस हुआ जैसे हैदराबाद का एक मुहावरा है: ‘अगला गिरा पिछला होशियार’