डॉ जाकिर नाइक की संस्था पर पाबंदी की प्रक्रिया शुरु

नई दिल्ली: इस्लामी प्रचारक डॉ जाकिर नाइक के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन और पीस टीवी पर आतंकवाद का प्रचार-प्रसार करने का आरोप लगा कर, गृह मंत्रालय ने आतंक रोधी कानून के तहत प्रतबिंध की प्रक्रिया शुरु कर दी है. सूत्रों के हवाले पता चला है कि इसको लेकर कैबिनेट की मीटिंग के लिए गृह मंत्रालय ने मसौदा भी तैयार कर लिया है.

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वन इंडिया की ख़बरों के अनुसार, गृह मंत्रालय आतंक रोधी कानून के तहत जाकिर नाइक की संस्था पर प्रतिबंध लगाने जा रही है. जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन उस वक्त घेरे में आ गई थी जब बांग्लादेश में हुए आतंकी हमले के दौरान आतंकी ने जाकिर नाइक के भाषणों का हवाला दिया था. ख़बरों के मुताबिक कैबिनेट की मीटिंग के लिए गृह मंत्रालय ने मसौदा भी तैयार कर लिया है. आधिकारिक सूत्रों की मानें तो जाकिर नाइक की एनजीओ को प्रतिबंधित करने से पहले तमाम गैरकानूनी गतिविधियों की जांच की गई है जिसके बाद संस्था के खिलाफ गैरकानून गतिविधियों से रोकधाम अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है.

उल्लेखनी है कि बंगलादेश के आतंकवादी हमले में शामिल एक आतंकवादी द्वारा शेयर की गई फेसबुक पोस्ट को ग्राउंड बना कर उनके खिलाफ हिंदुस्तान में क़ानूनी कार्यवाही करने के साथ उनके चेनल को बैन करने की बात की जा रही है. सवाल यह है कि जिस व्यक्ति के सोशल मिडिया पर करोड़ो फोलोवर्स हों उनके किसी पोस्ट या बयान को कोई भी संदिग्ध व्यक्ति लिखे या शेयर करे तो क्या उस संदिग्ध व्यक्ति के साथ डॉक्टर जाकिर नायक कोजोड़ा जासकता है?