वाशिंगटन: ऐसा दिख रहा है कि लंदन के नवनिर्वाचित मेयर सादिक खान और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प के बीच “अमेरिका में मुसलमानों के प्रवेश” पृष्ठभूमि में शब्दों की जंग शुरू हो गई है। मंगलवार को सादिक खान के कार्यालय की ओर से जारी बयान में अमेरिकी अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ में प्रकाशित होने वाले डोनाल्ड ट्रम्प के उस बयान का जवाब दिया गया है जिसमें उन्होंने कहा था कि वह (राष्ट्रपति बनने के मामले में) लंदन के नए मुसलमान मेयर के अमेरिका में प्रवेश करने के लिए उन्हें अपवाद रूप में अनुमति देंगे। सादिक खान का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की योजना “इस्लाम से जहालत चित्रित उनके विजन” चिंतनशील है। उन्होंने कहा कि इससे दोनों देशों के शांति को खतरा होगा क्योंकि ट्रम्प ने “उदारवादी मुसलमानों को पुकारा है जो इस्लाम के मुख्य रूप से प्रतिनिधित्व करते हैं,
इस बात को आतंकवादी अपने हित में उपयोग कर सकते हैं “। लंदन के डेली “इवनिंग स्टैंडर्ड” से बातचीत करते हुए सादिक खान ने कहा कि “यह मामला मेरे अकेले का नहीं बल्कि मेरे दोस्त, परिवार और मुझ के समान पृष्ठभूमि युक्त दुनिया के किसी भी स्थान पर रहने वाले व्यक्ति से संबंधित है “। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि “डोनाल्ड ट्रम्प और उनके आसपास मौजूद लोग यह समझते हैं कि पश्चिम की स्वतंत्र मूल्यों सामान्य इस्लाम के साथ नहीं चल सकतीं, लंदन के मेयर के चुनाव ने साबित कर दिया कि यह धारणा गलत है।” याद रहे कि डोनाल्ड ट्रम्प ने जो अनाप शनाप बयान दिए थे, सादिक खान के मेयर बनने के बाद वह बयान खुद उन पर उलटा पड़ गए।
इसलिए विशेषज्ञों राजनीति उत्पत्ति से यह कहते आए हैं कि ट्रम्प के अनाप शनाप बयान उन्हें (ट्रम्प) एक दिन ज़रूर अपमानित करेंगे। इस तरह अब सादिक खान ने उन्हें आईना जरूर दिखाया है क्योंकि सादिक खान न केवल भारतीय मूल के ब्रिटिश मुसलमान हैं बल्कि उन्हें यह बात कभी गवारा न होगी कि इस्लाम को बदनाम करते हुए दुनिया के सभी मुसलमानों का उपहास किया, इसलिए ट्रम्प होश नाखून लें । वह अब तक अमेरिका के राष्ट्रपति नहीं बने हैं। राष्ट्रपति बनने से पहले उनके तेवर ऐसे हैं राष्ट्रपति बनने के बाद तो वह बेकाबू हो जाएंगे।