डोनाल्ड ट्रम्प की जीत से खुश नहीं है एशियाई देशों के मुसलमान

अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत को देखते हुए इंडोनेशिया कार्यकर्ता अलीजा डीएते ने सवाल किए की मैं बहुत डरी हुई हूँ, क्या फिर से युद्ध होंगे? क्या अमेरिका फिर से मुस्लिम देशों पर हमला करेगा? बुधवार को राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद एशिया देशों के मुसलमान इस बात को लेकर डरे हुए नज़र आ रहे हैं की डोनाल्ड ट्रम्प जिसने इस्लाम के खिलाफ क्रोधित बयानों को अपने चुनाव प्रचार के तौर पर प्रयोग किया अब वो दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश के 45वें राष्ट्रपति बन गये हैं।

पिछले साल दिसंबर में इस्लाम के बारे में उनका विवादपूर्ण बयान सामने आया जिसमें उन्होंने अमेरिका में मुसलमानो पर प्रतिबंध लगाने की बात करते हुए दुनिया के 1.5 करोड़ मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ बातें की। बांग्लादेश के सईद तश्फीन चौधरी जिनके अमेरिका में काफी दोस्त है उनका कहना है कि, अमेरिका के लोगों ने एक बार फिर पूरी दुनिया को निराश किया है।चुनाव परिणाम से देश में हज़ारों लोग सदमे में नज़र आये फेसबुक पर लोगों की भयंकर प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। पाकिस्तान के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी का कहना है कि यह घबर बेहद भद्दी और भयानक है। देश के दूसरे लोग भी परिणाम पर दुःख प्रकट कर रहे हैं

इस्लामाबाद मार्किट से 32 वर्षीय इशाक खान का कहना है कि मैं डोनाल्ड ट्रम्प की जीत को लेकर बेहद निराश हूँ क्योंकि हिलेरी एक अच्छी महिला है, पाकिस्तान और दुनिया के बाकी मुसलमानो के लिए वो बहतरीन उम्मीदवार थी। आगे इशाक का कहना है कि हिलेरी दुनिया में शान्ति की बात कर रही थी, वहीँ ट्रम्प युद्ध की बात कर रहे थे। इंडोनेशिया दुनिया का सबसे ज़्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश इस समय पूरी तरह डरा हुआ है कि डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल में उनके अमेरिका के साथ पारम्परिक रिश्तों में कही कोई बदलाव तो नहीं आजायेगा।

इसका प्रभाव अमेरिका और मुस्लिम देशों के सम्बन्धों पर किस प्रकार पड़ेगा। इंडोनेशिया की राजधानी जकर्ता में लॉ कंपनी में काम रही निक्कन सुर्दिनी का कहना है कि मुझे डर हैं उनके मुस्लिम प्रतिबन्ध ब्यान पर कही डोनाल्ड मुसलमानों को अमेरिका में बेन ना कर दे। यहां पर चिंता की बात यह भी है ऐसे समय में जहां दुनिया इस्लामिक आक्रामकता के बढ़ते खतरे से निपटने को संघर्ष कर रही है वहां ट्रम्प की इस्लाम विरूद्ध नीतियों के चलते मुस्लिम अतिवाद ट्रम्प के प्रशंसक बन जायंगे। मॉडरेट इंडोनेसिएन इस्लामिक आर्गेनाईजेशन नाहदलातुल उलामान के इस्लामिक स्कॉलर ज़ुहैरी मिसर्वि का कहना है कि जब अमेरिका कठोर शक्ति का प्रयोग करेगा तब अतिवादों को गति मिलेगी। अगर कोई डोनाल्ड ट्रम्प के जीतने से खुश हैं तो वो आइएसआइएस है।

पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारी ताहिर अशरफी का कहना है कि हम आशा करते हैं जो उन्होंने मुसलमानो के खिलाफ बोला वो सिर्फ चुनाव प्रचार के लिए हो और उनको समझ आजाये की अमेरिका में मुसलमानो की बड़ी आबादी है। इंडोनेशियअन हार्ड लाइन ग्रुप के प्रवक्ता मुनार्मन का कहना है कि डोनाल्ड की नीतियां मुसलमानो के खिलाफ और भेदभाव वाली ही रहेंगी। मुसलमान उनके लिए विदेशी हैं।