अल अर्बिया डॉट नेट के मुताबिक़ वज़ारते दाख़िला की जानिब से जारी एक बयान में कहा गया है कि तीन ईरानी बाशिंदों नबी बख़्श जोस, मुहम्मद अकरम बलोच, और उम्मीद बोलीदा को कुछ अरसा क़ब्ल समुंद्र के रास्ते सऊदी अरब में ड्रग्स पहुंचाने के इल्ज़ाम में हिरासत में लिया गया था।
अदालत में उन पर ड्रग्स की स्मगलिंग का मुक़द्दमा चलाया गया। अदालत ने मुल्ज़िमान को हशीश की स्मगलिंग में क़सूर क़रार देते हुए सज़ाए मौत सुनाई थी। मुल्ज़िमान ने अपील कोर्ट में अपने ख़िलाफ़ होने वाले फ़ैसले को चैलेंज किया।
बादअज़ां सुप्रीम कोर्ट में भी उन्हें दी गई सज़ा को चैलेंज किया गया था मगर तमाम अदालतों ने उनकी सज़ा बरक़रार रखी। गुज़िश्ता रोज़ उनकी सज़ा पर अमल दरामद करते हुए उन्हें तख़्तादार पर लटका दिया गया।