असरी और साइबर दौर में इंसान फ़िलहाल इन ईजादात की सिम्त अपनी तवानाईयां सिर्फ़ कररहा है जहां इंसानी ख़िदमात के बगै़र मशीनें इंसानी ज़रूरीयात की तकमील(पूरी) कर पाऐं।
दरीं असना गूगल की ड्राईवर के बगै़र चलने वाली कार ने तीन लाख मील का कामयाब सफ़र तै कर लिया है जिस के दौरान उसे कोई हादिसा (मुसीबत)पेश नहीं आया। जी पी ऐस सिस्टम, इंफ्रारेड कैमरों और लेज़र रेडार से लैस इस सेल्फ ड्राइविंग कार ने अमेरीकी रियासत नेवाडा से अपने सफ़र का आग़ाज़(शुरुआत) किया था जिस दौरान इस ने निहायत महफ़ूज़(सुरक्शीत) अंदाज़ में ट्रैफ़िक से भरी सड़कों पर दौड़ कर टैक्नोलोजी और ऑटोमोबाइल एंड सड़ी में एक नए दौर का आग़ाज़(शुरुआत) कर दिया है।
माहिरीन का कहना है कि बगै़र हादिसे(मुसीबत) के तीन लाख मील का सफ़र ते कर के इस कार ने ख़ुद को एक औसत दर्जे के ड्राईवर से भी बेहतर साबित कर दिया है।