ढाका की सड़के कुर्बानी की वजह से लाल बताने वाली खबर निकली फर्जी !

मीडिया में बकरीद के मौके पर आई ये तस्वीर ढाका की ईद अल अजहा के पहले दिन की बताई गयी है . तस्वीर में बारिश के पानी को लाल रंग का दिखाते हुए लाल रंग को हलाल किया गये जानवरों का खून बताया गया है . मीडिया द्वारा ऐसी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो जाने के बाद पशु प्रेमी, मुसलमानों के जिबह करने को अनैतिक करार देते हुए, निंदा करने लगे.

इस तरह की खबर को जनसत्ता डॉट कॉम और बीबीसी हिंदी डॉट कॉम ने भी पब्लिश कर दिया जिसके बाद इस खबर को और खबर के साथ तस्वीर को सच मान लिया गया .
1- तस्वीर का स्रोत क्या है?

2- ढाका के किसी प्रशासनिक अधिकारी वर्जन क्यों नहीं है?

3- क्या खून इतनी देर तक लाल बना रह सकता है, जबकि चंद मिनटों में खरोंच का खून भी काला पड़ जाता है?

4- अगर पानी इतना लाल दिख रहा है तो क्या सीवर, सड़क, गंदे पानी के मिलने से उसकी इतनी ही लालिमा बनी रह सकती है?

5- और अंतिम, जेहन में ये बात क्यों नहीं आई कि ये तस्वीर फोटो शॉप भी हो सकती है?

जनसत्ता और बीबीसी में छपी खबर और तस्वीरों में किसी स्रोत का नाम नहीं दिया गया है अब ऐसी ही एक और तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें लाल रंग की जगह नीला रंग दिखाई दे रहा है. अगर इन तस्वीरों को एक साथ सेव कर विंडोज़ फोटो व्यूअर में देखें तो आपको फोटोशॉप का कमाल दिखाई देगा.इस बीच सोसल मीडिया में एक और तस्वीर वायरल होती है जिसमे तस्वीर में लाल रंग की जगह परसाती पानी का असल रंग है जो कि बाद में सच साबित होती है .
ऐसी फर्जी खबर चलाने वाले मीडिया प्रतिष्ठानों को माफ़ी मांगनी चाहिए

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