ढाका हमले में मारी गई भारतीय तारिषी के लिए दो मुस्लिम दोस्तों ने भी दे दी जान

ढाका:ढाका आतंकी हमले के दौरान मारी गयी भारतीय युवती तारिषी जैन के साथ उसके दो मुस्लिम युवाओं ने कुरान की आयतें जानने के बावजूद मौत को गले लगाना उचित समझा। बांग्लादेश की राजधानी ढाका के होली आर्टिजन रेस्त्रां में इंसानियत के दुश्मन दहशतगर्द जब मजहब का फर्क कर कत्लेआम को अंजाम दे रहे थे, तब दो मुस्लिम दोस्तों ने भारतीय युवती तारिषी जैन के साथ मौत को गले लगाना कुबूल किया। रेस्त्रां में घुसे आतंकियों ने 20 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इनमें से अधिकांश ऐसे थे, जिन्हें कुरान की आयतें नहीं आती थीं। तारिषी के दोनों बांग्लादेशी दोस्तों ने कुरान की आयतें जानने के बावजूद खामोश रहे।

तारिषी अमेरिका के बर्कले यूनिवर्सिटी में पढ़ती थी। वह छुट्टी मनाने ढाका गई थी। हमले के वक्त उसके साथ दो दोस्त भी थे, जो बांग्लादेशी मूल के थे और अमेरिका में ही पढ़ते थे। इनमें 19 वर्षीय अबिनता कबीर बांग्लादेश मूल की थी और अमेरिका के एमरी विश्वविद्यालय के ऑक्सफोर्ड कॉलेज की छात्रा थी। फराज हुसैन भी अमेरिका के अटलांटा की एमोरी यूनिवर्सिटी में पढ़ता था। वह भी बांग्लादेश मूल का था।