तनाज़ा कोटा बिल राज्य सभा में ड्रामा के दरमियान पेश

नई दिल्ली, 14 दिसंबर: (पीटीआई) गुज़श्ता रोज़ अपने जारिहाना तेवर के बाद मायावती को आज कामयाबी हुई जब राज्य सभा ने एस सी एस टीज़ के लिए ( SC & ST) तरक़्क़ियों में कोटा के लिए बिल को ग़ौर-ओ-ख़ौज़ के लिए कुबूल कर लिया जबकि ज़बरदस्त ड्रामा देखने में आया जिसमें दो अरकान की तनबीहा हुई और एक यक तन्हा समाजवादी पार्टी रुकन ने बतौर‍ ए‍ एहतिजाज वाक आउट किया।

ये बिल जिसे मासवाए एस पी और शिवसेना तमाम सयासी जमातों से ताईद-ओ-हिमायत हासिल हुई, इमकान है दो शंबा को रायदही ( मतदान) के लिए पेश किया जाएगा। मायावती की बी एस पी जो दस्तूरी (तरमीम) बिल की आजलाना मंज़ूरी के लिए मुहिम चलाती आई है, इसने मुसालहत की सिम्त इबतिदाई इक़दाम किया जब मायावती ने चेयरमैन हामिद अंसारी पर अपने भरोसा का इआदा किया, जिनके ख़िलाफ़ कल उन्होंने तन्क़ीदी रिमार्कस कर दिए थे।

मैं आप का एहतिराम करती हूँ। में कुर्सी-ए-सदारत का एहतिराम करती हूँ। मुझे कुर्सी-ए-सदारत पर मुकम्मल भरोसा है कि वो पिछड़े हुए तबक़ात की आवाज़ की समाअत का कोई रास्ता ढूंढ निकालेंगे मायावती ने ये बात कही। उन्होंने मज़ीद कहा, मुझे आप पर कामिल भरोसा है। मुझे आप पर भरपूर एतिमाद है कि आप ये यक़ीनी बनाने की कोई राह तलाश कर लेंगे कि ये ऐवान पुरसुकून अंदाज़ में चले और ये क़ानूनसाज़ी मंज़ूर हो जाए।

कुछ देर बाद वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह और अपोज़ीशन लीडर अरूण जेटली ने कुर्सी-ए-सदारत पर अपने भरोसा को दोहराया और कहा कि इस ऐवान की पुरसुकून कार्रवाई को यक़ीनी बनाने का कोई रास्ता ढूंढना चाहीए। ताहम दोपहर में ज़बरदस्त ड्रामा देखने में आया जब वज़ीर पर्सोनल वी नारावना सामी ने इस बिल को पेश करना चाहा।

उन्होंने बाद में इस बिल को ऐवान के ग़ौर-ओ-ख़ौज़ के लिए पेश कर दिया। इस बिल की पुरज़ोर मुख़ालिफ़त करने वाली समाजवादी पार्टी के अरकान ने नारेबाज़ी की और हुकूमत के इक़दाम के ख़िलाफ़ ऐवान के वस्त में पहुंच गए। वाइस चेयरमैन प्रोफेसर पी जे कोरियन का बार बार इंतिबाह ऐवान में नज़म बहाल करने में नाकाम हुआ यहां तक कि उन्होंने एस पी मेम्बर अरविंद कुमार सिंह की तनबीहा की और उनको ऐवान में ग़लत बरताओ के लिए दस्तबरदारी की हिदायत की।

अरविंद कुमार के रफ़ीक़ नरेश अग्रवाल ने इस पर कुर्सी-ए-सदारत से ख़ाहिश की कि तमाम एस पी अरकान को मुअत्तल कर दें। ऐवान को मुख़्तसर वक़्फ़ों के लिए तीन बार मुल्तवी करना पड़ा। एक इलतिवा से क़बल अरविंद कुमार नरम पड़े और ऐवान से निकल गए। लेकिन कुर्सी-ए-सदारत को एक और एस पी मेम्बर ( सदस्य) चौधरी मुहम्मद सलीम की भी तनबीहा करने पर मजबूर होना पड़ा और उन्हें मुतनब्बा किया कि अगर वो ऐवान से ना निकले तो उन्हें मार्शलों के ज़रीया बाहर कर दिया जाएगा।

बी जे पी और बाएं बाज़ू अरकान ने मार्शलों के इस्तेमाल की मुख़ालिफ़त की। एस पी ग्रुप लीडर राम गोपाल यादव ने वज़ीर-ए-पार्लीमानी उमूर कमल नाथ के इस मुतालिबा पर एतराज़ किया कि तमाम एस पी मेम्बर्स को ऐवान पर ग़लत रवैय्या पर नामज़द कर दिया जाए।

यादव ने इस्तिदलाल पेश किया कि यह बिल बिलकुल्लिया तौर ( पूरे तौर ) पर ग़ैर दस्तूरी है और ये कि ऐवान के 80 फ़ीसद अरकान अगर कोई विहिप ना हो तो इस बिल के ख़िलाफ़ वोट डालेंगे।

बी जे पी लीडर वैंकया नायडू ने यादव के दावे पर एतराज़ किया कि ऐवान की अक्सरीयत इस बिल पर ख़ामोश है और कहा कि उनकी पार्टी ने इस इक़दाम की ताईद की है। कुछ देर बहस और जवाबी बहस के बाद यादव ने अपने पार्टी अरकान की क़ियादत करते हुए ऐवान से वाक आउट कर दिया।

इस बिल को मुबाहिस के दौरान वसीअ ताईद हासिल हुए जिसमें बी जे पी, सी पी आई एम, सी पी आई, तृणमूल कांग्रेस और जनता दल । यू के अरकान ने उसकी हिमायत की। ताहम एस पी, शिवसेना मुख़ालिफ़ रहे।