हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) फरमाया, तनहा सफ़र करने में जो खराबियां मुझे मालूम हैं, अगर लोगों को मालूम होजाए तो कभी कोई शख्स तनहा सफ़र न करें। (बुखारी शरीफ)
हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) फरमाया, तनहा सफ़र करने में जो खराबियां मुझे मालूम हैं, अगर लोगों को मालूम होजाए तो कभी कोई शख्स तनहा सफ़र न करें। (बुखारी शरीफ)