तबदीले मज़हब केलिए मजबूर करने पर मुस्लिम मुलाज़िम का इक़दाम ख़ुदकुशी

कामा रेड्डी :22 सितंबर ( मुहम्मद जावेद अली ) कामा रेड्डी के इलाक़ा में ईसाई मिशनरी तेज़ी के साथ अपनी तब्लीग़ को जारी रखी हुई है।वक़फ़ा वक़फ़ा से अपने अज़ाइम को पूरा करने की कोशिश में लगी हुई है । अपने मदारिस मैं तलबा को निशाना बनाया जा रहा है तो कभी मुलाज़मीन को निशाना बनाया जा रहा है । कामा रेड्डी इलाक़ा में कादयानी और ईसाई मिशनरी की तब्लीग़ का सिलसिला जारी है
कादयानी और ईसाई तब्लीग़ की मुख़ालिफ़त और तबदीली मज़हब की तरफ़ राग़िब होने वाले अफ़राद से बातचीत करते हुए उन्हें दुबारा तजदीद ईमान करने की तहफ़्फ़ुज़ ख़तन नबुव्वत कामा रेड्डी की जानिब से कोशिश के बावजूद ईसाई मबलग़ अपने अज़ाइम को मंसूबा बंद तरीक़ा से अमल कर है हैं , माह रमज़ान के दौरान जीवा दान स्कूल के फादर ने तलबा-ए-के साथ नाशाइस्ता हरकतें करते हुए मुक़द्दस क़ुरआन केख़िलाफ़ बदज़ुबानी और जाएनमाज़ को पैरों से रौंद देने और तलबा-ए-के ख़िलाफ़ ज़ुलम करने के वाक़िया को कामा रैड य अवाम अभी भुला भी नहीं पाई कि सरकारी दवाख़ाना में हैड नर्स एलज़ाबथ की जानिब से कंट्टर एक्ट मुलाज़िम मुज़फ़्फ़र को तबदीली मज़हब केलिए मजबूर करने पर इस ने इक़दाम ख़ुदकुशी की । कामा रेड्डी के इलाक़ा दोमकनडा , सदाशीव नगर, माचा रेड्डी और करीमनगर के गंभी राओ पेट मंडलों में ईसाई मिशनरी और लिंगम पेट , ताड़वाई , सदाशीव नगर , कामा रेड्डी के चंद मंडलों में का दयानी तेज़ी के साथ अपनी तब्लीग़ को जारी रखे हुए हैं । दोमकनडा मंडल के मौज़ा खाचा पर , मल्लिका पर , गंभी राओ पेट मंडल के नरमाल , सदाशीव नगर , माचा रेड्डी मंडल के बंडा रामेश्वर पली के मवाज़आत में ईसाई तब्लीग़ से मुतास्सिर होकर तबदीली मज़हब करने वाले कई अफ़राद से तहफ़्फ़ुज़ ख़तन नबुव्वत कामा रेड्डी की कमेटी-ओ-सदर जमईयत अलालमा-ए-हाफ़िज़ फ़हीम उद्दीन मनेरी और सदर तहफ़्फ़ुज़ ख़तमे नबुव्वत कमेटी मौलवी इबरार उल-हसन रहमानी के इलावा दीगर कई अरकान ने इन ख़ानदानों से बातचीत करते हुए उन्हें तजदीद ईमान करवाई , इस तरह के कई वाक़ियात मंज़रे आम पर आचुके हैं । मुस्लमानों को बार बार निशाना बनाना खासतौर से देहात में मौजूद ग़रीब मुस्लमानों को ईसाई और का दयानी निशाना बनारहे हैं लिहाज़ा उन मिशनरियों केख़िलाफ़ मंसूबा बंद तरीक़ा से मुस्लमानों को आगे बढ़ने की ज़रूरत है । मुस्लमान आपसी इख़तिलाफ़ात-ओ-झगड़ों को नज़रअंदाज करते हुए मुत्तहदा तौर पर देहातों की सूरत-ए-हाल से वाक़फ़ीयत हासिल करें इन मिशनरियों केख़िलाफ़ जद्द-ओ-जहद को शुरू करने की शदीद ज़रूरत है ।वर्ना मआशी तौर पर कमज़ोर मुस्लमानों इन मुख़ालिफ़ इस्लाम कारस्तानीयों का शिकार होकर अपने मज़हब से गुमराह होसकते हैं । ज़रूरत इस अमर की है कि तमाम मसालिक के उल्मा , अकाबिरीन , मुबल्लग़ीन मुत्तहदा तौर पर सर जोड़ कर उन इस्लाम दुश्मन सरगर्मीयों का तदारुक करें । देही इलाक़ों में तब्लीग़ के काम में तेज़ी लाने की ज़रूरत है । साथ ही इन ईसाई और का दयानी फ़ितनों का भरपूर जवाब देने की ज़रूरत है।