तबलीगी जमात भारत के सदर भटक गए हैं, उन्हें तौबा करनी चाहिए: दारुल उलूम देवबंद

तबलीगी जमात भारत के सदर मौलाना साद पर गुमराही, इस्लामिक शरियत के गलत मायने बताने और अल्लाह के पैगम्बरों का अपमान करने का आरोप लागते हुए दारुल उलूम देवबंद ने एक फतवा ज़ारी किया है और कहा है कि मौलाना साद गुमराह हो गए हैं और उनको बिना किसी देरी के तौबा करनी चाहिए।

“यह हमारा फ़र्ज़ है कि हम मुसलमानों और खासतौर से तबलीगी जमात से जुड़े लोगों को इस बात से आगाह करें कि मौलाना साद कान्धलवी जानकारी की कमी की वजह से कुरान और सुन्नाह का गलत तरीके से मतलब बता रहे हैं, ” दारुल उलूम ने अपनी वेबसाइट पर ज़ारी किये फतवे में कहा।

यह फतवा, खासतौर से आलिमों के लिखा गया था और उन्ही के बीच साझा किया गया था, लेकिन सोशल मीडिया पर लीक और वायरल होने के बाद दारुल उलूम ने इसे आधिकारिक तौर पर अपनी वेबसाइट पर ज़ारी कर दिया।

दूसरी बातों के बीच, मीडिया में फैले मेसेज और कमेंट्स के मुताबिक मौलाना साद ने भोपाल इज्तिमा में कथित तौर पर मरकज़ हज़रत निजामुद्दीन को मक्काह और मदीना, जिन्हें पूरी दुनिया के मुसलमान सबसे पवित्र इबादतगाह मानते हैं, के बाद सबसे पवित्र स्थल बताया था।

दारुल उलूम देवबंद ने मौलाना साद के कुछ बयानों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि मौलाना ने अल्लाह के पैगम्बरों की शान में गुस्ताखी की है।

दारुल उलूम ने कहा कि इदारे को पाकिस्तान और बंगलादेश के आलिमों की तरफ से भी मौलाना की शिकायत मिली है। “हम मौलाना के ऐसे बयानों के ऊपर चुपचाप नहीं रह सकते हैं और हम नहीं चाहते हैं कि वे बड़े मजमे के सामने लगातार ऐसे बयान देते रहें, ” फतवे में कहा गया।

फतवे में तबलीगी जमात के बड़े आलिमों से भी गुज़ारिश की गयी है कि वे इस मामले में दखल दें और जल्द से जल्द ज़रूरी कदम उठाएं। “अगर जल्द ही कोई बड़ा और सही कदम नहीं उठाया गया तब हमें डर है कि तबलीगी जमात से जुड़े बड़ी तादाद में लोग भी गुमराह हो जायेंगे, ” फतवे में कहा गया।

तबलीगी जमात पर पहले भी कई लोग सवाल उठा चुके हैं। हाल ही में देवबंद के कुछ आलिमों ने जमात के खिलाफ कुछ आर्टिकल लिखे थे। लेकिन यह पहली दफा हो रहा है जब दारुल उलूम देवबंद ने जमात और उसके सदर के खिलाफ कुछ कहा है, और फतवा ज़ारी किया है।