कांग्रेस और द्रमुक ने श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर अपना रशाकसी खत्म करते हुए शनिवार को तमिलनाडु का अगला विधानसभा इलेक्शन साथ मिलकर लड़ने का फैसला किया।
2013 में इस मुद्दे पर दोनों पार्टियों का 9 साल पुराना एलायंस टूट गया था। कांग्रेस ने द्रमुक को सबसे भरोसेमंद एलायंस बताया। इसके साथ गुलाम नबी आजाद ने यहां द्रमुक के सदर एम करुणानिधि के साथ बैठक में एलायंस को आखिरी रूख दिया।
3 साल पहले द्रमुक ने कांग्रेस पर श्रीलंकाई तमिलों को धोखा देने का इलज़ाम लगाते हुए उससे रिश्ते तोड़ लिए थे। आजाद ने द्रमुक सदर के गोपालपुरम घर में बैठक के बाद प्रेस से कहा कि पार्टी ने हमारे कौमी स्तर पर फैसला कर लिया है।गुलाम नबी आजाद के मुताबिक और भी दिगर पार्टियां इसका हिस्सा बन सकती है।
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