तमिलनाडु के सरकारी हॉस्पिटल में 11 बच्चों की अम्वात

हुकूमत पर डी एम के और बी जे पी की तन्क़ीद

धर्म पूरी गर्वनमेंट मैडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में 4 नौ मौलूद बच्चों का ईलाज जारी है जहां पर 11 बच्चों की अम्वात से तन्क़ीदों का सिलसिला शुरू होगया है। हॉस्पिटल के डीन डाक्टर नारावना बाबू ने बताया कि मज़कूरा बच्चे अमराज़ तनफ़्फ़ुस का शिकार हैं और उन्हें वेंटिलेटर और वेनकेव मीटर पर रखा गया है और बच्चों के ईलाज केलिए माहेर डाक्टरों को तल्ब कर लिया गया।

गर्वनमेंट मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल धर्म पूरी में 14-17 नवंबर के दरमियान 11 बच्चों की मौत वाक़्य होगई जिसकी तहकीकात केलिए हुकूमत ने ख़ुसूसी टीम तशकील दी है। रियासती वज़ीर सेहत विजय‌ भास्कर डायरेक्टर मेडिकल एजूकेशन डाक्टर गीता लक्ष्मी , अमराज़ इतफ़ाल के माहेर डाक्टर एस श्री निवास ने हॉस्पिटल पहुंच कर वाक़ियात का जायज़ा लिया।

चीफ मिनिस्टर पेनर सेल्वम ने बताया कि तिब्बी जोहात की बिना नोमोलूद बच्चों की मौत वाक़्य हुई है और हुकूमत ने सूरत-ए-हाल से निमटने केलिए फ़िलफ़ौर इक़दामात किए हैं। डी एम के सदर मिस्टर करुणानिधि ने गर्वनमेंट हॉस्पिटल में नोमोलूद बच्चों की अम्वात पर हुक्मराँ जमात को तन्क़ीद का निशाना बनाया है और इल्ज़ाम आइद किया कि हुकूमत इस वाक़िये पर तसाहुल से काम लिया है।

हॉस्पिटल में स्टाफ़ की क़िल्लत की रिपोर्ट का हवाला देते हुए मिस्टर करूणानिधि ने कहा कि साबिक़ डीन का ये दावा है कि तिब्बी आलात की कोई क़िल्लत नहीं है जबकि हॉस्पिटल के सिर्फ़ 5 बिस्तरों पर आलात तनफ़्फ़ुस नसब हैं। उन्होंने बताया कि अगर हुकूमत क़ब्ल अज़ वक़्त इक़दाम उठाई तो कई बच्चों को बचाया जा सकता था।

बी जे पी तमिलनाडु यूनिट के सदर टी सुंदर राजन ने आज गर्वनमेंट हॉस्पिटल में 11 बच्चों की अम्वात पर वाएट पेपर की इजराई और वज़ीरॆ सेहत से इस्तीफे का मुतालिबा किया है। उन्होंने कहा कि हम चीफ मिनिस्टर के इस दावे को तस्लीम नहीं करसकते कि तिब्बी वजूहात की बिना बच्चों की अम्वात वाक़्य हुई हैं जबकि कल चीफ मिनिस्टर ने कहा था कि नौ उम्री में हामिला बन जाना , ज़चगियों के दरमियान बहुत कम वक़फ़ा नोमोलूद बच्चे का कम वज़न , और क़ब्ल अज़ वक़्त ज़चगी की वजह से इन बच्चों की मौत वाक़्य हुई ।

बी जे पी सदर श्रीमती सुंदर राजन ने कहा कि नोमोलूद बच्चों की अम्वात का मसला ये सिर्फ़ धर्म पूरी हॉस्पिटल तक महिदूद नहीं है बल्कि पूरी रियासत का मसला है। दरअसल इस तरह के वाक़ियात करप्शन और एडमिनिस्ट्रेशन की लापरवाही से पेश आए हैं।