दिल्ली और श्रीनगर में जुलूस केलिए सख़्त हिफ़ाज़ती इंतेज़ामात
मदूराई से करीब एक मौज़ा थोवनढेडाल है जहां फ़िर्कावाराना हम आहंगी के मुनाज़िर अरसा-ए-दराज़ से देखने में आरहे हैं। आशूरा के मौक़ा पर भी हिंदू अपने मुसलमान पड़ोसियों और दोस्तों के साथ शामिल होगए। याद रहे कि बाज़ मुक़ामात पर यहां अंगारों पर चलने की भी रिवायत है।
इस पर अमल आवरी करते हुए हिंदू भाई मुसलमानों की तक़लीद करते हुए अंगारों पर चले और हिंदू ख़वातीन ने भी एक मस्जिद के रूबरू आग के दहकते हुए अंगारे अपने सर पर रख लिये। यहां की एक मुस्लिम ख़ातून ख़दीजा ने बताया कि यहां इस रस्म को इस लिये अदा किया जाता है कि यहां के मुसलमानों और हन्दुओं का अक़ीदा है कि एसा करने से इंसान कई बीमारियों से महफ़ूज़ होजाता है।
यहां प्रधान की फ़सल बौने से क़ब्ल भी मस्जिद के करीब पौदे को बतौर नज़राना पेश किया जाता है और जब फ़सल की कटाई होजाती है तो फ़सल के कुछ हिस्से को बतौर शुक्राना मस्जिद को दिया जाता है । दूसरी तरफ़ दिल्ली से मिलने वाली ख़बरों के मुताबिक़ पुलिस की सख़्त निगरानी में यहां यौमे आशूरा मनाया गया ख़ुसूसी तौर पर त्रिलोक पूरी में पुलिस की ज़ाइद जमात तैनात की गई थी क्यों कि हालिया दिनों में इस इलाक़े में कशीदगी पाई जा रही थी।
मुक़ामी पुलिस के अलावा दिल्ली पुलिस कमांडो टीम को भी तैयनात किया गया था। दूसरी तरफ़ स्पैशल ब्रांच ( इन्टेलिजेन्स ) दोनों फ़िरक़ों के अफ़राद के साथ मुसलसल रब्त बनाए हुए थी ताकि हस्सास इलाक़ों में अफ़्वाहों को फैलने से रोका जाये । शीआ जामा मस्जिद से मुहर्रम के जुलूस का आग़ाज़ हुआ जो कश्मीरी गेट , चाबी गंज , छोटा बाज़ार और बड़ा बाज़ार से होते हुए पंजा शरीफ़ पर इख़तेताम पज़ीर हुआ।
जहां एक तरफ़ उसे हालात थे वहीं श्रीनगर में मुहर्रम के मौक़े पर नज़म-ओ-ज़ब्त विकू क़ाबू में रखने के लिये वादी में कर्फ्यू जैसे हालात थे जहां पाँच पुलिस इस्टेशन की हुदूद में तहदेदात का नफ़ाज़ किया गया था । डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट श्रीनगर फ़ारूक़ अहमद शाह ने ये बात बताई। उन्होंने कहा कि मुहर्रम का जुलूस ज़ादी बिल में इख़तेताम पज़ीर होता है और इस साल भी उसकी इजाज़त दी गई है।