तरक़्क़ीयाती स्कीमों में बे क़ाईदगियों से मुस्तहिक़ अवाम समरात से महरूम

आंधरा प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ़ जस्टिस मदन बी लोकूरने देही अवाम तक निज़ाम अदलिया की रसाई को यक़ीनी बनाने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा कि अदलिया ने रियासत भर में ग्राम नेयाय लोइयों (देही अदालतों ) के क़ियाम की तजवीज़ पेश की है । जस्टिस लोकूर आज यहां महात्मा गांधी क़ौमी देही ज़ामिन रोज़गार स्कीम और दीगर तरक़्क़ीयाती स्कीमों में रिश्वत सतानी के मुक़द्दमात से निमटने केलिए एक ख़ुसूसी गशती अदालत का इफ़्तिताह करने के बाद ख़िताब कररहे हैं । उन्हों ने कहा ये (देही अदालतें )अदलिया में इस्लाहात का एक हिस्सा हैं जिन की हमारी रियासत में ज़रूरत है । वाज़ेह रहे कि संगा रेड्डी गशती अदालत इस रियासत में क़ायम की जाने वाली ऐसी 13 अदालतों में सब से पहली अदालत है जो 2011 आरडेनिस बराए आंधरा प्रदेश फ़रोग़ सेमाजी तन्क़ीह और इंसिदाद रिश्वत सतानी के एक हिस्सा के तौर पर क़ायम की गई है ।

संगा रेड्डी की ये मोबाईल अदालत अज़ला मेदक और करीमनगर का अहाता करेगी जहां ऐसे मुख़्तलिफ़ देहातों में रोज़ाना की बुनियाद पर मुक़द्दमा की समाअत करेगी जहां बद उनवानीयों के वाक़ियात सरज़द होते हैं। चीफ़ जस्टिस ने कहा कि हुकूमत अवामी फ़लाह-ओ-बहबूद और तरक़्क़ी के लिए मुख़्तलिफ़ इसकीमात को रूबा अमल लारही है जिस के मुसबत नताइज भी बरामद होरहे हैं लेकिन आम तौर पर इन इसकीमात में बद इंतिज़ामी और बद उनवानियों के इलावा मुस्तहेक़ीन तक समरात की अदम रसाई की शिकायत आम है क़ौमी देही ज़ामिन रोज़गार स्कीम मुनफ़रिद-ओ-कामयाब स्कीम है लेकिन इस में भी बद उनवानियों की शिकायतें पाई गईं चंद माह क़बल सुप्रीम कोर्ट ने मुल़्क की एक रियासत के 100 मवाज़आत में बद उनवानियों के तनाज़ुर में सी बी आई तहक़ीक़ातका हुक्म दिया स्कीम कामयाबी से रूबा अमल है लेकिन चंद बद उनवान ओहदेदार-ओ-गोत्ता दारों की वजह से स्कीम की नेकनामी मुतास्सिर होरही है ।

स्कीम को शफ़्फ़ाफ़ बनाने अवाम क़ानूनी हक़े मालूमात का इस्तिमाल करें और इस की जानकारी हासिल करें क़ौमी देही रोज़गार ज़ामिन स्कीम क़ानून के सैक्शन 17 के तहत समाजी तन्क़ीह की जा सकती है लेकिन अवाम में शऊर की कमी के बाइस इस दफ़ा का भरपूर इस्तिमाल नहीं हो रहा है । रियास्ती हुकूमत ने एक इंतिहाई अहम-ओ-मोअस्सिर क़दम उठाते हुए समाजी तन्क़ीह को फ़रोग़ दे रही है और साथ ही ख़ुसूसी मोबाईल कोर्टस का क़ियाम अमल में लाया है । चीफ़ जस्टिस ने कहा कि अदलिया तन्हा क़ानून का नेफ़ाज़ नहीं कर सकता अदलिया को इस केलिए हुकूमत का भरपूर तआवुन हासिल होना चाहीए ।

ख़ुसूसी मोबाईल कोर्टस क़ायम करना मसला का हल नहीं बल्कि उन कोर्टस का दरकार सहूलतें, स्टाफ़ और अस्सिटेंट पब्लिक परासीकीवटर भी फ़राहम करने चाहें अदलिया रिश्वत खोर ओहदेदार , गत्तादार और इदारों के ख़िलाफ़ सख़्त गीर मौक़िफ़ रखती है ता कि समाज साफ़ सुथरा रहे हमारी आबाद का 75 फ़ीसद हिस्सा देही है चुनांचे उन्हें इंसाफ़ रसाई केलिए ग्राम नया लिया क़ायम करने की तजवीज़ इस्लाहात अदलिया के तहत हुकूमत के ज़ेर-ए-ग़ौर है इंसाफ़ लफ़्ज़ी नहीं बल्कि बामक़सद और नतीजा ख़ेज़ होना चाहीए चुनांचे देही-ओ-शहरी सतह पर निज़ाम अदलिया होना ज़रूरी है ।

सुनीता लकशमा रेड्डी रियास्ती वज़ीर-ए-बहबूद ख़वातीन-ओ-इतफ़ाल ने कहा कि महात्मा गांधी क़ौमी ज़मानत रोज़गार स्कीम मर्कज़ी हुकूमत ने रियासत आंधरा प्रदेश के ज़िला मेदक से आगाज़ करते हुए 100 दिन मज़दूरों को काम मुहय्या करवाने का बीड़ा उठाया है । रियास्ती सतह पर 18 हज़ार करोड़ रुपय का काम अंजाम दीए गए जिस में 120 करोड़ रुपय के शिकायतें वसूल हुईं ख़ुरद-ओ-बुरद (बद इनतेजामि)करने वाले अफ़राद के ख़िलाफ़ मोबाईल कोर्ट के ज़रीया मुक़द्दमात भी चलाए जाएंगे ।

प्रताप रेड्डी वज़ीर-ए-क़ानून ने कहा कि ये बहुत ही ख़ुश आइंद बात है के हुकूमत की मशहूर तरक़्क़ीयाती स्कीम में ख़ुरद-ओ-बुरद की शिकायतें वसूल हूँ तो ग़रीब मज़दूर अपनी शिकायात दर्ज करवाते हुए मोबाईल कोर्ट से रुजू हो सकते हैं । मानिक्या वारा प्रसाद वज़ीर देही तरक़्क़ीयात ने कहा कि महात्मा गांधी क़ौमी ज़मानत रोज़गार स्कीम मज़दूरों को नक़्ल-ए-मकानी से रोकते हुए काम मुहय्या करवाते हुए रोज़गार फ़राहम करती है ।

रियास्ती सतह पर पहली मर्तबा ज़िला मेदक के मुस्तक़र संगा रेड्डी पर मोबाईल कोर्ट का क़ियाम अमल में लाया जा रहा है । रियास्ती सतह पर 13 मोबाईल कोर्टस का क़ियाम अमल में लाइ जाएगी फ़िलहाल मेदक और करीमनगर अज़ला केलिए मुस्तक़र संगा रेड्डी में मोबाईल कोर्ट क़ियाम अमल में लाया गया है ।

जिया लक्ष्मी कमिशनर रूरल डेवलपमेनट ने कहा कि सोश्यल ऑडिट को एम पी डी औज़ की जानिब से महात्मा गांधी क़ौमी ज़मानत रोज़गार स्कीम की तफ़सीलात पेश करते हुए वेबसाइट पर भी फ़राहम की जाएं । सौम्य कदांबी डायरैक्टर ऐस एसए ए टी ने भी महात्मा गांधी क़ौमी ज़मानत रोज़गार स्कीम 2005 ऐक्ट के तहत तफ़सीलात पेश की । सुधारानी सी वे ओ ने कहा कि सोश्यल ऑडिट के बाद ख़िरद-ओ-बुरद करने वाले अफ़राद को वजह बताव नोटिस रवाना करते हुए ख़िरद-ओ-बुरद की जाने वाली रक़म की वसूली के इक़दामात किए जाएंगे और मोबाईल कोर्ट के ज़रीया मुक़द्दमात दर्ज करवाते हुए क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी ।

अनंत रेड्डी सदर बार एसोसी उष्ण ने भी मुख़ातब किया ए रजनी सैशन जज ज़िला मीदक ने जस्टिस चन्द्र कुमार के ग़ियाब में इन की तक़रीर पढ़ कर सुनाया । ज़िला मीदक मैं (A) 147 ज़मुरा और (B) ज़मुरा के 146 मुक़द्दमात दर्ज किए गए सुरेश कुमार ज़िला कलक्टर मेदक ने मेहमानों से इज़हार-ए-तशक्कुर क्या । इस मौक़ा पर अनुराधा प्रोजेक्ट डायेरैक्टर ,रवींद्र प्रोजेक्ट डायरेक्टर डी आर डी ए भी मौजूद थे।