रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट की कलीदी(प्रमुख) एहमीयत पर ज़ोर । सदर जमहूरीया का ख़िताब
सदर जमहूरीया प्रानब मुकर्जी ने आज उम्मीद ज़ाहिर की कि हिंदूस्तानी मईशत पराज्यकलाल तरक़्क़ी की राह पर जल्द ही वापिस होजाएगी। केमिकल्स और पटरोकीमीकलस इंडस्ट्री की इंटरनैशनल कान्फ़्रैंस और अगज़बीशन का इफ़्तिताह(उद्घाटन) करते हुए उन्हों ने कहा कि ये ईवंट ऐसे मौके पर हो रहा है जब हिंदूस्तानी मईशत सँभल रही है। मुझे उम्मीद है जल्द ही ये (हिंदूस्तानी मईशत) बतदरीज तरक़्क़ी(विकास) की राह पर वापिस होजाएगी
सदर जमहूरीया ने ये बात कही। मिस्टर मुकर्जी ने ज़ोर दिया कि इस शोबे की तरक़्क़ी(विकास) केलिए तहक़ीक़ और फ़रोग़ की कलीदी एहमीयत(प्रमुख महत्व) है। उन्हों ने कहा कि मौजूदा तौर पर इस सैक्टर में रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट का सर्फ़ा जुमला कारोबार का सिर्फ एक या दो फ़ीसद है। ये निहायत ग़ैर इतमीनान बख़श है।
उन्हों ने सनअती सरबराहों(औद्योगिक प्रमुखों ) से अपील की कि रिसर्च पर जुमला कारोबार का कम अज़ कम पाँच से छः फ़ीसद ख़र्च करें। मिस्टर मुकर्जी ने कहा कि सनअत को हिफ़ाज़त और सेहत-ओ-माहौलियात के बैन-उल-अक़वामी मयारात की तामील भी लाज़िमी तौर पर यक़ीनी बनाना चाहीए।
उन्हों ने कहा कि इंडस्ट्री को ये भी चाहीए कि माहौलियात का तहफ़्फ़ुज़(पर्यावरण की रक्षा) करने और तरक़्क़ी को बढ़ाने वाली टैक्नालोजी में सरमाया कारी के ज़रीया देरपा तरक़्क़ी को फ़रोग़ दे। सदर जमहूरीया ने कहा कि आलमी कैमीकल मार्कीट लग भग 3.4 टरीलीन अमेरिकी डॉलर होने का तख़मीना है जिस में हिंदूस्तान का तीन फ़ीसदी हिस्सा है।
उन्हों ने कहा कि अब वक़्त है कि ये सनअत को कोई नया तरीक़ा-ए-कार इख़तियार करना चाहीए और इस तरह की कान्फ़्रैंस तरक़्क़ी केलिए नए मंज़र खोलेगी। मिस्टर मुकर्जी ने कहा कि टेलैंट को उभारने केलिए भी कोशिशें होनी चाहिऐं और यक़ीनी बनाया जाय कि हुनरमंदी का फ़रोग़ इस सनअत में दरकार तरक़्क़ी की बराबरी करे।