तेलंगाना के चीफ़ मिनिस्टर के चन्द्रशेखर राव् ने कहा कि हुकूमत आंध्र प्रदेश को चाहीए कि वो तेलंगाना के साथ ग़ैर ज़रूरी हुज्जत बेहस-ओ-तकरार करने के बजाये अपनी ( रियासत की) तरक़्क़ी पर तवज्जा मर्कूज़ करे।
के चन्द्रशेखर राव् ने जो एक तक़रीब से ख़िताब कररहे थे कहा कि आंध्र प्रदेश के चीफ़ मिनिस्टर,आंध्र प्रदेश के वुज़रा आप तमाम से में कहता हूँ कि आप अपनी ज़िंदगी गुज़ारें, हम अपने तर्ज़ पर हमारी ज़िंदगी गुज़ारेंगे।
इस के बावजूद अगर ( लड़ाई झगड़े के लिए ) कोई मसला चाहीए तो ( याद रखिए कि ) तेलंगाना अपनी लड़ाई के जज़बा-ओ-सलाहीयत के लिए मशहूर है।
चीफ़ मिनिस्टर के सी आर ने कहा कि आंध्र प्रदेश को चाहीए कि वो तरक़्क़ी के मुआमले में तेलंगाना से मुसाबक़त करे। वाज़िह रहे कि इंजीनीयरिंग और दुसरे पेशावराना कोर्सेस में दाख़िलों, पानी की तक़सीम, इदाराजात पर कंट्रोल जैसे कई मसाइल पर दोनों रियासतों के दरमयान जारी झगड़ों , बेहस-ओ-तकरार के तनाज़ुर में के सी आर ने ये रेमार्क किया है।
एन एस एस के मुताबिक़ चन्द्रशेखर राव ने चंद्रबाबू नायडू का मज़ाक़ उड़ाते हुए कहा कि वो ( चंद्रबाबू ) अपनी रियासत आंध्र प्रदेश में सिंगापुर बनाने तैयार हैं लेकिन अपने तलबा की फ़ीस बर्दाश्त करने तैयार नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि चंद्रबाबू को चाहीए कि वो इस किस्म के बेकार मौज़ूआत और मसाइल उठाने से गुरेज़ करें और अपनी रियासत की तरक़्क़ी पर तवज्जा दें।
सियासत न्यूज़ के मताबिक़ चीफ़ मिनिस्टर तेलंगाना के चन्द्रशेखर राव ने आचार्य एन जी रंगा एग्रीकल्चरल यूनीवर्सिटी का नाम तबदील करके अलाहिदा तेलंगाना रियासत के मुमताज़ जहद कार प्रोफेसर जय शंकर के नाम से इस यूनीवर्सिटी को मौसूम करने पर एतेराज़ करने और तन्क़ीदें करने वाले क़ाइदीन पर अपनी सख़्त ब्रहमी का इज़हार किया, और दरयाफ़त किया कि आया तेलंगाना बिलख़सूस शहरे हैदराबाद के मुज़ाफ़ात में वाक़्य ज़रई यूनीवर्सिटी को तेलंगाना के मुमताज़ जहद कार के नाम से मौसूम करने पर आख़िर क्युं रोना आरहा है जबकि ये यूनीवर्सिटी आंध्र क़ाइद के नाम से मौसूम थी।
लेकिन अब जबकि अलाहिदा रियासत तेलंगाना की तशकील अमल में आ चुकी है और नामवर ज़रई यूनीवर्सिटी का नाम आंध्र क़ाइद के नाम से किस तरह बरक़रार रखा जा सकता है। लिहाज़ा हुकूमत तेलंगाना ने अवामी मुतालिबात-ओ-तजावीज़ को पेशे नज़र रखते हुए आचार्य एन जी रंगा का नाम तबदील करके मुमताज़ तेलंगाना जहद कार प्रोफेसर जय शंकर से मौसूम किया गया है।