तरक़्क़ी याफ़ता ब्रह्मोस मिज़ाईल की आज़माईशी परवाज़

हिन्दुस्तान ने आज 290 किलोमीटर फ़ासले तक वार करने की सलाहियत रखने वाले ब्रह्मोस सोपर सांक क्रूज़ मिज़ाईल की तरक़्क़ी याफ़ता शक्ल की ओडिशा के साहिल से कामयाब आज़माईशी परवाज़ की। उसे आई टी आर चांदी पर से 10 बजकर 40 मिनट पर डी आर डी ओ के ओहदेदारों ने दाग़ा।

ये मिज़ाईल 300 किलोग्राम वज़नी रिवायती वॉरहैड मुंतक़िल करसकता है। ये तरक़्क़ी याफ़ता ब्रह्मोस की आज़माईशी परवाज़ थी। दो मरहलों पर मुश्तमिल मिज़ाईल का पहला मरहला ठोस ईंधन और दूसरा मरहला स्याल ईंधन से मुतहर्रिक होता है। उसे पहले ही फ़ौज और बहरीया में तैनात कर दिया गया है।

फ़िज़ाईया के लिए इस मिज़ाईल का नमूना आज़माईश के आख़िरी मराहिल में है। हिन्दुस्तानी बहरीया ने 205 से इस मिज़ाईल को बहरीया में तैनात किया है और आई एन ए राजपूत जंगी बहरी जहाज़ पर उसे नसब किया गया है जबकि ज़मीनी फ़ौज की 2 रीजमनटस ये मिज़ाईल इस्तेमाल करती हैं।

ये मिज़ाईल हिंद। रूस मुशतर्का वेंचर कंपनी ब्रह्मोस अरो स्पेस का तैयार करदा है और फ़ज़ाइल में भी अपनी कारकर्दगी का कामयाब मुज़ाहरा करचुका है। इस के तीन आलात का जो हाल ही में इस में शामिल किए गए हैं, आज़माईश के लिए आज उसकी परवाज़ की गई। विज़ारत -ए-दिफ़ा ने तीसरे रीजमनट के क़ियाम की मंज़ूरी भी दे दी है जो ये मिज़ाईल इसतेमाल करेगा|