तरकारियां, आलू, प्याज़ महंगे, इफ़रात-ए-ज़र 7.52 फ़ीसद होगया

तरकारियां खासतौर पर आलू और प्याज़ महंगे होने की वजह नवंबर में ठोक फ़रोशी इफ़रात-ए-ज़र गुज़िशता 14 माह में सब से ज़्यादा बुलंद यानी 7.52 फ़ीसद होगया जिस की वजह से रिज़र्व बैंक आफ़ इंडिया के लिए अपनी कलीदी पालिसी की शरह में कमी पैदा होना मुश्किल होगया।

नवंबर में तर्कारीयों की क़ीमत में 95.25 फ़ीसद इज़ाफ़ा हुआ जो अक्टूबर में 78.38 फ़ीसद था। ठोक फ़रोशी क़ीमत के ईशारीया पर मबनी इफ़रात-ए-ज़र के आदाद-ओ-शुमार आज जारी किए गए। ग़िज़ाई अजनास के शोबा में बहैसीयत मजमूई इफ़रात-ए-ज़र गेहूं, दालों, तर्कारीयों, दूध और दीगर अशीया पर मुश्तमिल होता है।

ये 19.93 फ़ीसद होगया जो अक्टूबर की बनिस्बत 18.19 फ़ीसद इज़ाफ़ा है। ठोक फ़रोशी की क़ीमतों के ईशारीया में इज़ाफ़ा चिल्लर फ़रोशी और सारिफ़ की क़ीमत में इफ़रात-ए-ज़र में 11.24 फ़ीसद इज़ाफे का नतीजा है। अक्टूबर में इफ़रात-ए-ज़र 7 फ़ीसद था और नवंबर के अवाइल में ये 7.05 फ़ीसद था।

आलू की क़ीमतों में नवंबर में 26.71 फ़ीसद इज़ाफ़ा हुआ जबकि अक्टूबर में उसकी क़ीमत में कमी हुई थी। प्याज़ की क़ीमतों में भी इज़ाफ़ा होगया हालाँकि अक्टूबर की बनिस्बत ये कम था। नवंबर में प्याज़ के इफ़रात-ए-ज़र में 190.34 फ़ीसद इज़ाफ़ा हुआ। आदाद शुमार से मज़ीद इन्किशाफ़ होता है की पोर्टीन से भरपूर अशीया जैसे अंडे, गोश्त और मछली की क़ीमत में 15.19 फ़ीसद इज़ाफ़ा हुआ जबकि दूध 6.25 फ़ीसद ज़्यादा महंगा होगया।

ईंधन और बर्क़ी तवानाई के शोबे में इफ़रात-ए-ज़र नवंबर में 11.08 फ़ीसद रहा जो अक्टूबर में 10.33 फ़ीसद था। पैदावारी मसनूआत के शोबों की क़ीमतों में 2.64 फ़ीसद से 2.50 फ़ीसद तक इज़ाफ़ा हुआ। सनअती पैदावार की सुस्त रफ़्तार पर आर बी आई इमकान है की 18 दिसम्बर को अपनी मालीयाती पालिसी पर नज़रसानी करेगी।

इस ने क़र्ज़ फ़राहम करने की कलीदी शरह में 0.25 फ़ीसद इज़ाफ़ा कर दिया है ताकि इफ़रात-ए-ज़र पर क़ाबू पाया जा सके। ये इज़ाफ़ा गुज़िशता दो बार मालीयाती पालिसी पर नज़रसानी के बाद का इज़ाफ़ा है।