नई दिल्ली ज़रूरी चिजों और तर्कारीयों की क़ीमत में बहुत जयादा बढावा हुआ है ।ईंधन की क़ीमत में बढावे ने इफ़रात-ए-ज़र को भी बुलंद मुक़ाम पर पहुंचा दिया है ।
मई में इफ़रात-ए-ज़र की शरह 7.55 फ़ीसद तक पहुंच गई । ये शरह इस से पहले माह के मुक़ाबिल बहुत ज़्यादा है ।
बढ़ती हुई महंगाई के सबब इकोनोमिक के माहिरीन का कहना है कि रिज़र्व बैंक ओफ़ इंडिया अगले हफ़्ते अपनी शरह सूद में कमी कर सकता है।