वाशिंगटन, 25 सितंबर (पी टी आई) G-20 अक़्वाम के वुज़राए फ़ीनानस ने अपने अह्द का इआदा किया है कि तरक़्क़ीयाती एजंडा उन की तर्जीहात का बदस्तूर असल रहेगा, और तरक़्क़ी और आलमी मआशी मसाइल को अब अलहदा नहीं समझा जा सकता ही। इस ग्रुप के वुज़राए फ़ीनानस जिन में अमरीका, चीन और हिंदूस्तान के वुज़रा शामिल हैं, उन के जारी करदा मुशतर्का पयाम में कहा गया कि G20 की सरगर्मी ताक़तवर, मुतवाज़िन और पायदार तरक़्क़ी के फ़रोग़ केलिए होगी ताकि ख़ुशहाली की सतहों में फ़र्क़ को घटाया जाई, एक दूसरे के साथ तबादले और तमाम तबक़ात को शामिल रखने वाली तरक़्क़ी क़ायम की जाए, ग़ुर्बत को मज़ीद घटाया जाई, मुसावात जिन्स को फ़रोग़ दिया जाय और रोज़गार पैदा करने में हिस्सा अदा किया जा सकी। पहली G-20 वज़ारती मीटिंग वाशिंगटन में जुमा को फ़्रांस की दावत पर मुनाक़िद की गई। ये ब्यान करते हुए कि आलमी मआशी बोहरान ने शदीद कमज़ोर लोगों को ग़ैर मुतनासिब तौर पर मुतास्सिर किया ही, मुशतर्का पयाम ने कहा कि मुख़्तलिफ़ आलमी जोखिम के पस-ए-मंज़र में ऐसी ज़रूरत बढ़ रही है कि बेहतर तहफ़्फ़ुज़ की फ़राहमी और ज़्यादा से ज़्यादा तबक़ात की शमूलीयत के साथ तरक़्क़ी की राह को यक़ीनी बनाने केलिए मुख़्तलिफ़ मेकानिज़म तैय्यार करना होगा। मुशतर्का ब्यान ने कहा, इस तनाज़ुर में हम तजावीज़ का ख़ौरमक़दम करते हैं कि क़ौमी समाजी हिफ़ाज़ती मेकानिज़म पर अमल आवरी करते हुए उसे वुसअत दी जाय जिस की तशरीह ख़ुद मुताल्लिक़ा ममालिक ने अपने अपने हालात के मुताबिक़ की है, कि मुंतक़ली रक़ूमात की लागत घटाई जाई, कि ख़ानगी सरमाया कारी, पैदावार रोज़गार और फ़रोग़ इंसानी वसाइल को बढ़ावा दिया जाई, कि देसी वसाइल से इस्तिफ़ादा में इज़ाफ़ा किया जाय और तरक़्क़ी बढ़ाने वाले इलाक़ाई और आलमी तिजारती माहौल में सहूलत पैदा की जाई। G-20 वुज़राए फ़ीनानस ने आलमी शराकतदारी बराए मालीयाती इमतिज़ाज के मंसूबा-ए-अमल पर अमल आवरी की ताईद भी की। ये निशानदेही करते हुए कि इनफ़रास्ट्रक्चर का फ़ुक़दान कई तरक़्क़ी पज़ीर ममालिक में इमकानी तरक़्क़ी को ड्रामाई तौर पर मुतास्सिर करता है, G-20 मुल्कों ने इत्तिफ़ाक़ किया कि इस चैलेंज से ताख़ीर के बगै़र निमटने की ज़रूरत है, बिलख़सूस कम आमदनी वाले ममालिक में , नीज़ ज़ेली सहारा अफ़्रीक़ा पर ख़ास तवज्जा मर्कूज़ की जाएगी।