हैदराबाद 31 जनवरी: प्रोफेसर मुहम्मद ज़फ़र अली (आई आई टी) ने आज कहा कि कामयाबी के लिए सख़्त मेहनत और जाँफ़िशानी लाज़िमी शर्त है। कामयाबी के लिए कोई और मुतबादिल नहीं है।
प्रोफेसर मुहम्मद ज़फ़र अली ख़ान यहां मुफ़ख़्ख़म जाह कॉलेज आफ़ इंजीनिरिंग एंड टेक्नॉलोजी में मौजूदा कम्पूटर साइंसिस-ओ-इंजीनिरिंग तहक़ीक़ में मुमताज़ तरजीहात पर दो रोज़ा क़ौमी वर्कशॉप की इफ़्तिताही तक़रीब से ख़िताब कररहे थे। उन्हों ने कहा कि सख़्त मेहनत-ओ-जाँफ़िशानी से नए ख़्यालात उभरते हैं और इख़तिराईयत को जाला मिलती है।
उन्हों ने तलबा पर ज़ोर दिया कि वो अपनी तालीम के दौरान जो कुछ सीखते हैं उन्हें कभी ना भूलें और बसीरत-ओ-बसारत के साथ अपनी सलाहियतों को उजागर करें। उन्हों ने कहा कि इस तरह के वर्कशॉप्स नई ईजादात में मुआविन साबित होते हैं।
डायरैक्टर सुलतान उल-उलूम एजूकेशनल सोसाइटी बशीर अहमद ने कहा कि कम्पूटर की इजाद ने इंसानी ज़िंदगी में ज़बरदस्त तबदीली लाई है और अवाम ने इस के ज़रीये होने वाली तब्दीलियों को कुबूल किया है। उन्हों ने कहा कि कम्पूटर आज ज़िंदगी के हर शोबे में अपनी अफादियत को मनवा चुका है। हिन्दुस्तानियों ने कम्पूटर की इजाद का ख़ूब फ़ायदा उठाया और सॉफ्टवेर डेवलपमनट में हिन्दुस्तानियों ने दुनिया से अपनी सलाहियतों को लोहा मनवाया है। इस वर्कशॉप से मारूति राव, सुलताना अज़ीम और अकबर अली ख़ान ने भी मुख़ातब किया।