तलबा ख़ुद एतिमादी पैदा करें : डाक्टर अब्दुल कलाम

हैदराबाद 2 फरवरी (सियासत न्यूज़) साबिक़ सदर जमहूरीया हिंद डाक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम ने आज हैदराबाद पब्लिक स्कूल में तलबा से ख़िताब के दौरान उन्हें ख़ुद एतिमादी में इज़ाफ़ा करने और तालीम से मुहब्बत करने की तलक़ीन की। उन्हों नेअसातिज़ा को मश्वरा दिया कि वो तलबा की तालीम में दिलचस्पी पैदा करने की कोशिश करें ताकि तलबा माहौल, इमारत, हालात हर चीज़ से ऊपर उठ कर असातिज़ा की मुहब्बत में तालीम के हुसूल पर तवज्जा दें। उन्हों ने बताया कि इन के ज़माना में किसी भी तालिब-ए-इल्म के एक दिन स्कूल ना आने पर असातिज़ा तलबा के घर पहुंच कर हालात दरयाफ़त करते थे।

डाक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम ने बताया कि जब तक तलबा मैं ख़ुद एतिमादी का अंसर पैदा नहीं होता उस वक़्त तक उन की कामयाबी ग़ैर यक़ीनी होती है। डाक्टर कलाम से तलबा ने इस मौक़ा पर सवालात भी किए। साबिक़ सदर जमहूरीया हिंद ने अपने ख़िताब के दौरान कहा कि उस्ताज़ वही बेहतर होता है जो कमज़ोर तालिब-ए-इल्म को काबुल बनाए। उन्हों ने असातिज़ा को तरग़ीब दी कि वो तलबा की तालीम-ओ-तर्बीयत पर ख़ुसूसी दिलचस्पी लें। डाक्टर ए जे पी अब्दुल कलाम ने छोटे मक़सद को जुर्म से ताबीरकरते हुए कहा कि तलबा ऊंचे ख़्यालात के हामिल बनें और अपनी ज़िंदगी के मक़ासिद काताय्युन करें। उन्हों ने बताया कि सख़्त मेहनत जद्द-ओ-जहद के ज़रीया किसी भी शोबा में कामयाबी हासिल की जा सकती है।

साबिक़ सदर जमहूरीया ने तलबा को इस बात की तलक़ीन की कि वो रंग, ज़ात पात, नसल, ज़बान से बालातर होकर क़ौम की ख़िदमत काजज़बा पैदा करें और इस बात को ज़हन नशीन करलीं कि हम मुआशरे, क़ौम और दुनिया को कुछ देने के लिए आएं हैं। उन्हों ने वक़्त की एहमीयत का तज़किरा करते हुए कहा कि वक़्त किसी के लिए नहीं टहरता।इसी लिए वक़्त के सही इस्तिमाल की मंसूबा बंदी करनी चाहीए। वक़्त का सही इस्तिमाल और कुछ करने के जज़बा के ज़रीया हम अपने वजूद के मक़सद को जानने के अहल बन सकते हैं। डाक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम ने बताया कि वो जब स्कूली तालीम हासिल कररहे थे तो उन्हें अच्छी तरह याद है कि 8 वीं जमात तक एक भी तालिब-ए-इल्म जो उन की जमात से ताल्लुक़ रखता था तर्क तालीम नहीं किया।

उन्हों ने बताया कि रामेश्वरम् प्राइमरी स्कूल जहां पर उन्हों ने तालीम हासिल की इस की सब से ख़ूबसूरत शए जो ना सिर्फ जाज़िब उल-नज़र थी बल्कि काबिल-ए-क़दर भी थी वो उन के असातिज़ा थे। उन्हों ने बताया कि उन्हों ने जहां तालीम हासिल की इस स्कूल की ना इमारत ख़ूबसूरत थी और ना ही कोई ऐसी शए थी जो स्कूल में तालीम हासिल करने की सिम्त राग़िब करती हो।

लेकिन असातिज़ा ने तालीम से ऐसी दिलचस्पी पैदा की कि सख़्त मेहनत और तर्बीयत ज़िंदगी का हिस्सा बन कर रह गई। डाक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम ने बताया कि वो सदर जमहूरीया हिंद बनने से क़बल एक प्रोफ़ैसर थे और आज भी पेशा तदरीस से वाबस्ता हैं जो कि इन का पसंदीदा पेशा है। क़ब्लअज़ीं डाक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम की आमद पर स्कूली तलबा ने झंडियां लहराते हुए इन का ख़ौरमक़दम किया।

बाद अज़ां प्रिंसिपल हैदराबाद पब्लिक स्कूल कर्नल आराएस खत्री ने साबिक़ सदर जमहूरीया हिंद का ख़ौरमक़दम करते हुए स्कूल और इंतिज़ामीया के उमूर के मुताल्लिक़ तफ़सीलात से वाक़िफ़ करवाया। इस मौक़ा पर जनाब फ़ैज़ ख़ान के इलावा दीगर अराकीन सोसाइटी हैदराबाद पब्लिक स्कूल मौजूद थे। तलबा ने ख़ैरमक़दमी रक़्स किया बादअज़ां स्कूल के तारीख़ी पस मंज़र को पेश किया गया।