तलाक़ सलासा को सरकार या न्यायालय लागू नहीं करेंगी, सैन्य ट्रिब्यूनल के न्यायाधीश का फैसला

लखनऊ: सशस्त्र बलों के ट्रिब्यूनल की लखनऊ बंच ने अपने एक फ़ैसला में आज कहा कि अगर ज़बानी तलाक़ सलासा पर्सनल ला की आड़ में दी जाये तो इस पर हुकूमत या अदालतें अमल आवरी नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया संवैधानिक मूल्यों विशेष रूप से संविधान के हिस्से सोम जुनून के खिलाफ है।

उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान हर भारतीय महिला बलालषाठ धर्म की रक्षा करता है और किसी भी व्यक्ति को पर्सनल ला के बहाने संविधान के जुनून के खिलाफ प्रक्रिया की अनुमति नहीं दी जा सकती। ट्रिब्यूनल ने सेना को राहत से इनकार कर दिया और उसकी याचिका खारिज कर दी जिसने कथित तौर पर मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत अपनी पत्नी को तलाक दिया था और उसका गैर नुफ़्क़ा भी भुगतान कर दिया था।