तलाक.. के खिलाफ मुस्लिम ख्वातीन

मुल्क में मुस्लिम ख्वातीन की हालत सुधारने की मुहिम में कदम बढ़ाते हुए Indian Muslim Women’s Movement ने एक ड्राफ्ट तैयार किया है। इस ड्रॉफ्ट के तहत मुस्लिम मआशरे में बोलकर तलाक दिए जाने, एक से ज़्यादा  शादी और मेहर की रकम पर नए कानून बनाए जाने की बात कही गई है। इस ड्रॉफ्ट को मुस्लिम मैरिज और डाइवोर्स एक्ट का नाम दिया गया है, जिसे आज बुध के रोज़ जारी किया गया।

Indian Muslim Women’s Movement पिछले सात सालों से इस ड्रॉफ्ट पर काम कर रहा था। इस ड्रॉफ्ट में बोलकर दिए जाने वाले तलाक को खत्म करने की वकालत करते हुए तलाक-ए-अहसान के तरीके अपनाने की बात कही गई है। इसके तहत तलाक के बाद जोड़ों को आपसी इख्तेलाफ को सुलझाने के लिए 3 महीने का वक्त दिया जाएगा और अगर दोनों सहमत हों तो तलाक की अर्जी वापस भी ली जी सकेगी। साथ ही इस ड्राफ्ट की शर्तो को नहीं मानने पर कड़ी कार्रवाई की बात भी की गई है, जिसमें निकाह कराने वाले काजी के लाइसेंस तक को रद्द किया जा सकता है।

निकाह के लिए उम्र

इस ड्रॉफ्ट के मुताबिक निकाह के लिए लड़के की उम्र 21 साल और लड़की की उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए। ड्रॉफ्ट में ये भी कहा गया है कि शादी करने वाले लड़के-लड़की में से किसी की भी पहले से शादी नहीं हुई हो और अगर हुई भी हो तो उसका साथी ज़िंदा न हो। इससे Polygamy ( एक से ज्यादा शादी) पर रोक लगाई जा सकती है। इस्लामिक लॉ के मुताबिक कोई भी मुस्लिम मर्द चार शादियां कर सकता है।

मेहर की रकम

इस ड्रॉफ्ट में निकाह के वक्त लड़के वालों की तरफ से दी जाने वाली मेहर की रकम पर भी कानून बनाने की बात कही गई है। इसके तहत मेहर की रकम लड़के की सालाना कमाई से कम नहीं होनी चाहिए और अगर निकाह के 6 महीने के अंदर ये रकम अदा नहीं की गई तो लड़के वालों को दोगुनी कीमत अदा करनी होगी।

————–बशुक्रिया: जागरण