तवे से प्लेट वाली गर्म रोटी से परहेज़ करें

कहते हैं कि गर्मगर्म रोटियां खाने वाले एक साथ आठ आठ दस दस रोटियां हज़म कर जाते हैं । ठीक है ग़िज़ा के बारे में नही कहा गया है कि उन्हें ताज़ा हालत में इस्तेमाल करना चाहीए लेकिन भला हो रेफ्रीजरेटर का जिस से कई दिन की बासी ग़िज़ा भी इस्तेमाल की जा रही है जिस में चावल बिरयानी सालन मीठे और दीगर लवाज़मात को रख दिया जाता है लेकिन रोटी एक ऐसी वाहिद चीज़ है जिसे फ्रीज की ज़ीनत नहीं बनाया जा सकता ।

रोटी गर्म खाई जाय तो बेशक मज़ा देती है लेकिन तवे से सीधे प्लेट में पहुंचने वाली रोटी हमारे मेदा ( पेट) के लिए नुक़्सानदेह साबित होती है । गर्म रोटी की वजह से मेदा की दीवारें मुतास्सिर (प्रभावित) होती हैं और इस की कारकर्दगी इतमीनान बख्श नहीं होती ।

ठीक है गर्म रोटी चटख़ारे लेकर खाई जाती है लेकिन तवे से प्लेट वाले मुआमला को नजरअंदाज़ करना चाहीए । तवे से रोटी उतरने के बाद अगर पाँच मिनट सब्र कर लिया जाय तो रोटी बदमज़ा नहीं होती बल्कि इसमें मौजूद भाप की एक भारी मिक़दार ( मात्रा) निकल जाती है ।

अगर इस गर्मगर्म भाप निकलती रोटी को नोश किया ( खाया) जाय तो भाप पेट में जाकर गैस भी पैदा करती है जिससे इस्तेमाल करने वाले की बेचैनी में इज़ाफ़ा हो जाता है । रोटी का मज़ा ज़रूर लीजिए लेकिन सेहत का भी ख़्याल रखिए और इंतिहाई गर्म रोटी के इस्तेमाल से परहेज़ कीजिए ।