मुस्तक़र मकथल टाउन में मुसलमानों ने तेलंगाना फ़तह रियाली निकाली, जो जामा मस्जिद से बराह आज़ादनगर, बुरहान गड्डा, पुलिस स्टेशन और डॉ.बी आर अंबेडकर चौराहा होते हुए बस स्टेशन पहुंची, जहां रियाली में मौजूद हज़ारों नौजवानों और बुज़ुर्गों ने रायचूर हैदराबाद क़ौमी शाहराह पर इंसानी ज़ंजीर बनाते हुए तेलंगाना के लिए अपनी जानें क़ुर्बान करने वालों को ख़िराजे अक़ीदत पेश किया और उनकी याद में दो मिनट की ख़ामोशी मनाई।
बादअज़ां फ़ारूक़ हुसैन सदर ज़िला ऑल मेवा महबूबनगर ने रियाली को मुख़ातब करते हुए कहा कि ये हम सब की मुशतर्का जद्द-ओ-जहद और कोशिश का फल है कि एक तवील और सब्र आज़मा मार्का आराई के बाद तेलंगाना हासिल हुआ और अब हमें उम्मीद है कि मुसलमानों को समाजी, मआशी, इक़तिसादी और तालीमी एतेबार से तमाम जायज़ हुक़ूक़ से इस्तेफ़ादे का मुकम्मिल मौक़ा फ़राहम होगा और हमारी हमा जहती पसमांदगी दूर होगी।
उन्होंने तेलंगाना में क़ियादत का ख़ाब देखने वालों को मुसलमानों से किए गए वादों की याददहानी करवाते हुए कहा कि 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात पर अमल आवरी, डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर और वज़ीर-ए-दाख़िला जैसे अहम क़लमदान मुसलमानों के हवाले करते हुए ब्यूरोक्रेसी में भी अहम ओहदों पर मुसलमानों को फ़ाइज़ किया जाये।
फ़ारूक़ हुसैन ने तेलंगाना काज़ के लिए मुसलमानों की जद्द-ओ-जहद और क़ुर्बानीयों की सताइश की। इस रियाली को मौलाना अबदु लकवी हुसामी, मुनव्वर अली जय ए सी सेक्रेटरी, अता उल्लाह रा रायचूर और क़ाज़ी शहाब उद्दीन ने भी मुख़ातब किया, जब कि रियाली में शरीक नौजवान तेलंगाना काज़ के लिए जाने निछावर करने वालों को हमारा सलाम, तेलंगाना ज़िंदाबाद, मिल गया मिल गया, तेलंगाना मिल गया जैसे जुमलों पर मुश्तमिल बैनर्स अपने हाथों में थामे हुए थे।