मुत्तहदा आंध्र प्रदेश के हक़ में सीमा आंध्र के 13 अज़ला में हड़ताल करने वाले ए पी एन जी औज़ क़ाइदीन को उस वक़्त धक्का लगा जब वज़ीर-ए-आज़म डक्टर मनमोहन सिंह ने वाज़िह कर दिया कि रियासत की तक़सीम और तेलंगाना रियासत की तशकील से मुताल्लिक़ फ़ैसले को वापिस लेने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
ए पी एन जी औज़ के क़ाइदीन पर मुश्तमिल एक वफ़द ने आज नई दिल्ली में वज़ीर-ए-आज़म डक्टर मनमोहन सिंह से मुलाक़ात की। उनके साथ सीमा आंध्र के क़ाइदीन मर्कज़ी वज़ीर टेक्सटाईल के एस राव और दूसरे मौजूद थे।
मर्कज़ी हुकूमत पर रियासत को मुत्तहिद रखने के लिए दबाव बनाने ए पी एन जी औज़ क़ाइदीन नई दिल्ली में हैं, वो वज़ीर-ए-आज़म के अलावा हुकूमत के कई अहम वुज़रा और कांग्रेस के आला क़ाइदीन से मुलाक़ात करेंगे।
मर्कज़ी वज़ीर के एस राव के साथ ए पी एन जी औज़ क़ाइदीन की पहली नुमाइंदगी वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह से हुई लेकिन वहां उन्हें वज़ीर-ए-आज़म के वाज़िह जवाब से मायूसी का सामना करना पड़ा।
बताया जाता हैके डक्टर मनमोहन सिंह ने कहा कि रियासत की सूरत-ए-हाल का मुकम्मिल जायज़ा लेने, तमाम सयासी जमातों और मुख़्तलिफ़ शोबे से ताल्लुक़ रखने वाले अफ़राद से मुशावरत के बाद ही रियासत की तक़सीम का फ़ैसला किया गया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी और यू पी ए की राबिता कमेटी ने रियासत की तक़सीम के बारे में जो फ़ैसला किया है इसे ख़त्म नहीं किया जा सकता।
बताया जाता हैके ए पी एन जी औज़ और सीमा आंध्र के क़ाइदीन ने वज़ीर-ए-आज़म को राइलसीमा और आंध्र के 13 अज़ला में 30 जुलाई से जारी एहतेजाज की तफ़सीलात से वाक़िफ़ करवाया।
उन्होंने कहा कि सीमा आंध्र इलाक़ों में मुलाज़मीन और अवाम के एहतेजाज के बाइस नज़म-ओ-नसक़ ठप होचुका है। वफ़द ने बताया कि एहतेजाज के सबब आम ज़िंदगी मुतास्सिर होचुकी है, तिजारती और तालीमी इदारे बंद हैं।
ट्रांसपोर्ट सर विसीस मुअत्तल होने के सबब अवाम को अश्या ज़रुरीया के हुसूल में दुशवारीयों का सामना है। वज़ीर-ए-आज़म को सीमा आंध्र इलाके के अवाम की तशवीश और अंदेशों से भी वाक़िफ़ किराया गया जिस में रियासत की तक़सीम की सूरत में बच्चों के तालीमी मुस्तक़बिल, रोज़गार, बर्क़ी और पानी की तक़सीम जैसे मसाइल शामिल हैं।
इन क़ाइदीन ने हैदराबाद के मौक़िफ़ के बारे में भी अपने अंदेशों का इज़हार किया। इन का कहना था कि हैदराबाद की तरक़्क़ी में सीमा आंध्र से ताल्लुक़ रखने वाले अफ़राद ने अहम रोल अदा किया है।
इत्तेलाआत के मुताबिक़ वफ़द ने रियासत की तक़सीम नागुज़ीर होने की सूरत में हैदराबाद को मर्कज़ी ज़ेर-ए-इंतिज़ाम इलाक़ा या फिर दोनों रियास्तों का मुशतर्का दार-उल-हकूमत क़रार देने की तजवीज़ पेश की।