हर कश्मीरी शहरी को मुसावी मवाक़े और हुक़ूक़ की वकालत , सदर जमहूरीया(राष्ट्रपति) का कश्मीर यूनीवर्सिटी के कानोकीशन से ख़िताब सदर जमहूरीया(राष्ट्रपति) की हैसियत से प्रणब मुकर्जी ने आज जम्मू-ओ-कश्मीर का पहली बार दौरा किया और इस मौके पर उन्हों ने कहा कि तशद्दुद(हिंसा)के ज़रीये मुश्कीले कभी हल नहीं हुए। उन्हों ने आपसी उखुवत, भाई चारगी, सब्र-ओ-तहम्मुल और एक दूसरे के साथ हमदर्दी के जज़बात को फ़रोग़ देने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।
उन्हों ने कहा कि यही वो ख़ुसूसीयात हैं जिन के ज़रीये मसाइल की मूसिर तौर पर यकसूई होसकती है। उन्हों ने समाज में रवादारी के फ़रोग़ की ज़रूरत पर ज़ोर दिया और कहा कि यक़ीनन शिकायात पाई जाती हैं लेकिन उन्हें मूसिर तौर पर हल भी किया जा सकता है। प्रणब मुकर्जी ने यूनीवर्सिटी औफ़ कश्मीर के 18 वें कानोकीशन से ख़िताब करते हुए कहा कि हकूमत-ए-हिन्द और हुकूमत जम्मूऔर कश्मीर इस बात को यक़ीनी बना रही है कि हर कश्मीरी इज़्ज़त-ओ-वक़ार के साथ रहे और उन्हें मुसावी हुक़ूक़ और मुसावी मवाक़े हासिल हो।
तलबा से बात करते हुए प्रणब मुकर्जी ने कहा कि वो इस मौके से भरपूर फ़ायदा उठाते हुए उन्हें ये मश्वरा देंगे कि हमारे समाज में अज़ीम तर रवादारी को फ़रोग़ देने की ज़रूरत है। उन्हों ने बताया कि कोई भी मसले तशद्दुद(हिंसा) के ज़रीये हल नहीं होता बल्कि इस से तकलीफ़ और बढ़ती है और हर दो तरफ़ जज़बात मजरूह होते हैं। तकलीफ़ को दूर करने केलिए मुहब्बत, रवादारी और सब्र-ओ-तहम्मुल को फ़रोग़ देने की ज़रूरत है।
गवर्नर जम्मू-ओ-कश्मीर एन एन वोहरा, चीफ़ मिनिस्टर उमर अबदुल्लाह, वाइस चांसलर तलत अहमद और दीगर कई मोअज़्ज़िज़ीन इस मौके पर मौजूद थे। इन इत्तिलाआत के बरअक्स कि प्रोग्राम में तलबा गड़बड़ करसकते हैं, तक़रीबन देढ़ घंटे तक शैडूल के मुताबिक़ ये प्रोग्राम मूसिर तौर पर जारी रहा। कई तलबा को इस मौके पर असना दात और मैडलस दिए गए। यूनीवर्सिटी कैंप्स में स्कियोरटी के बेहद कड़े इंतज़ाम किए गए थे।