तसलीमा नसरीन की राजनाथ सिंह से मुलाक़ात

तवील मुद्दती वीज़ा मंज़ूर करने की ख़ाहिश, आप के अंधेरे दिन ख़त्म होजाएंगे: मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला

मलऊन मुसन्निफ़ा तसलीमा नसरीन ने आज मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला राज नाथ सिंह से मुलाक़ात की जबकि हुकूमत ने उन्हें एक साल के लिए वीज़ा देने की दरख़ास्त को मुस्तरद करते हुए सिर्फ़ दो माह क़ियाम की इजाज़त दी थी। तस्लीमा नसरीन ने 20 मिनट की इस मुलाक़ात में वज़ीर-ए-दाख़िला से ख़ाहिश की कि उन्हें तवील मुद्दत तक क़ियाम की इजाज़त दी जाये।

सरकारी ज़राए ने ये बात बताई। 51 साला इस गुस्ताख मुसन्निफ़ा ने रेजिडेंट परमिट के लिए दरख़ास्त दी है और विज़ारत-ए-दाख़िला ने उसे यही वीज़ा मंज़ूर किया लेकिन उस की मीयाद एक‌ अगस्ट 2014 से दो माह के लिए होगी। इस ने राज नाथ सिंह से मुलाक़ात के बाद टोइटर पर लिखा कि वज़ीर-ए-दाख़िला को इस ने अपनी किताब वो अंधेरे दिन पेश की।

इस पर राज नाथ सिंह ने कहा कि आप के अंधेरे दिन ख़त्म होजाएंगे। हुकूमत ने तसलीमा नसरीन की वीज़ा दरख़ास्त की तन्क़ीह का अमल भी शुरू कर दिया है। विज़ारत-ए-दाख़िला के ओहदेदार ने कहा कि ये काम जैसे ही मुकम्मल होगा हुकूमत मौज़ूं फ़ैसला करेगी। इस गुस्ताख मुसन्निफ़ा का ताल्लुक़ बंगला देश से है और 1994 से जिलावतनी की ज़िंदगी गुज़ार रही है।

गुस्ताखाना नावल पर इस के ख़िलाफ़ क़तल का फ़तवा जारी किया गया था। तसलीमा नसरीन उस वक़्त स्वीडन की शहरी हैं और 2004 से मुसलसल हिन्दुस्तानी वीज़े पर यहां क़ियाम किए हुए है। वो गुज़िश्ता दो दहों से हिन्दुस्तान, यूरोप और अमरीका में ख़ुद साख़ता जिलावतनी की ज़िंदगी गुज़ारती आरही है। इस ने पहले भी कई मर्तबा ये ख़ाहिश ज़ाहिर की कि हिन्दुस्तान और बिलखुसूस कोलकता में वो मुस्तक़िल तौर क़ियाम करना चाहती है। उसे 2007 में मुसलमानों के पुरतशद्दुद एहतेजाजी मुज़ाहिरों के बाद कोलकता भी छोड़ना पड़ा था।