मुतनाज़ा मुसन्निफा तसलीमा नसरीन को मरकज़ ने एक साल का वीजा दिया है और उन्हें अगस्त 2015 तक हिंदुस्तान में रहने की इज़ाज़त दी है |तसलीमा 1994 से जिला वतनी ज़िंदगी गुजार रही हैं| 51 साला मुसन्निफा को गुजश्ता महीने वज़ारत ए दाखिला ने दो महीने का अराज़ी (Temporary) वीजा दिया था जब वज़ारत ए दाखिला ने उनके वीजा के दरखास्त की जांच का काम शुरू करने का फैसला किया|
वज़ारत ए दाखिला के आफीसर ने कहा, तसलीमा का वीजा अगस्त 2015 तक एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है| हिंदुस्तान की तरफ से दो महीने का वीजा देने का फैसला करने के बाद तसलीमा ने वज़ीर ए दाखिला राजनाथ सिंह से दो अगस्त को मुलाकात की थी| उस वक्त वज़ीर ए दाखिला ने तवील मुद्दत के वीजा की उनकी अर्जी पर गौर करने का तयक्कुन दिया था|
तसलीमा को मुबय्यना तौर पर इस्लाम मुखालिफ ख्यालात के लिए शिद्दत पसंद तंज़ीमों से कत्ल की धमकी के मद्देनजर 1994 में बांग्लादेश छोड़ना पड़ा था|तसलीमा अब स्वीडन की शहरी हैं| उन्हें साल 2004 से मुसलसल हिंदुस्तान से वीजा मिल रहा है| वह 1994 से जिला वतनी ज़िंदगी गुजार रही हैं और पिछले दो दहों से अमेरिका, यूरोप और हिंदुस्तान में रह रही हैं|
हालांकि, कई मौके पर उन्होंने हिंदुस्तान में और खासतौर पर कोलकाता में मुस्तकिल तौर पर रहने की अपनी खाहिश जताई है |