तसलीमा पर नहीं बनता केस:सुप्रीमकोर्ट

बांग्लादेश की जिला वतनी और मुतनाज़ा मुसन्निफा तसलीमा नसरीन के खिलाफ फिर्कावारना जज़्बात भडकाने का कोई मामला नहीं बनता है। यूपी पुलिस कि तरफ से मजिस्ट्रेट के यहां इस उम्मीद की क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने की बुनियाद पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगल के रोज़ तसलीमा की रिट की दरखास्त का निपटारा कर दिया।

यूपी सरकार के वकील अभिषेक चौधरी के मंगल के रोज़ सुप्रीम कोर्ट में यह बयान दिया। इस पर जस्टिस जे चेलमेश्वर की बेंच ने कहा कि पुलिस की तरफ से जांच रिपोर्ट दाखिल होने के बाद इस मामले में कोर्ट को कोई हुक्म पास करने की जरू रत नहीं है। यूपी सरकार खुद कह रही है कि उनके खिलाफ मामला नहीं पाया गया है।

अब मजिस्ट्रेट इस मामले को बंद करने के लिए मुनासिब फैसला ले सकते हैं। नसरीन ने गुजश्ता सालकुछ ट्वीट किए थे जिसके बाद बरेली में तहरीके तहफूजे सुन्नत (टीटीएस) के कौमी नायब सदर हसन रजा खां उर्फ नूरी मियां ने एफआईआर दर्ज करवाई थी। 4 दिसंबर 2013 को दर्ज केस में उन्होंने कहा था कि नसरीन के ट्वीट फिर्कावाराना जज़्बात भडकाने वाले हैं। इसके बाद तसलीमा ने इस एफआईआर को रद्द करवाने के सीधे सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था।

साल 1993 में दंगों के हिन्दुओं पर हुए ज़ुल्म के बारे में लिखी उनकी किताब लज्जा और उसके बाद द्विखंडिता काफी मुतनाज़ा में रही। इन किताबों के बाद उन्हें इंतेहापसंदो की वजह से बांग्लादेश से भागना पडा और उन्होंने हिंदुस्तान में पनाह ली। तब से वह हिंदुस्तान में रह रही हैं।