हैदराबाद 04 मार्च: दिलसुखनगर जुड़वां बम धमाकों की तहक़ीक़ात करनेवाली एजेंसीयों को हनूज़ कोई सुराग़ हाथ नहीं लगा है । बम धमाके के 10 दिन के बाद भी पुलिस ख़ातियों का पता लगाने में नाकाम रही है और सिर्फ़ अपनी तवज्जा हैदराबाद से गिरफ़्तार नौजवान सयद मक़बूल और इमरान ख़ान पर की हुई है ।
सयद मक़बूल को पिछ्ले साल अक्टूबर में दिल्ली पुलिस स्पैशल सेल के ओहदेदारों ने उसे शाहीननगर इलाके से गिरफ़्तार करते हुए ये दावे किया था कि मक़बूल पूना बम धमाकों में मुलव्वस हैं लेकिन महाराष्ट्रा इन्सिदाद-ए-दहशत गर्दी उसकोएड ने दिल्ली पुलिस के इस दावे को मुस्तर्द करते हुए मक़बूल को पूना धमाके केस में गिरफ़्तार नहीं किया था ।
दिल्ली पुलिस ने ये भी दावे किया था कि मक़बूल जो बम बनाने का माहिर है इंडियान मुजाहिदीन के रुकन क़तील सिद्दीक़ी की मुश्तबा मौत का इंतेक़ाम लेने के लिए दुसहरा ,दीवाली के दौरान अपने दीगर साथीयों असद ,इमरान ख़ान और फ़िरोज़ के सात एक मंसूबा बनाया था ।
दिल्ली पुलिस ने ये भी दाव किया था कि मक़बूल ने इंडियन मुजाहिदीन के लिए हैदराबाद के मुख़्तलिफ़ इलाक़ों की निशानदेही करते हुए वहां का दौरा किया था लेकिन दिल्ली पुलिस के इस दाव को आंध्र प्रदेश की काउंटर इंटेलीजिन्स सेल और हैदराबाद सिटी पुलिस ने संजीदगी से नहीं लिया ।
ज़राए के बमूजब चंद पुलिस ओहदेदारों का ये केहना है कि सयद मक़बूल खु़फ़ीया तौर पर इंटेलिजेंस एजेंसीयों के लिए काम कररहा था ?उसे इस के लिए मुबयना तौर पर मुआवज़ा भी मिल रहा था । दिल्ली पुलिस की अचानक कार्रवाई से आंध्र प्रदेश की इंटेलिजेंस का नट वर्क में ख़लल पैदा होगई थी ।
अब जब बम धमाकों में सुराग़ पुलिस के हाथों नहीं लगा है लेकिन मक़बूल के ज़रीयये बम धमाके केस की गुत्थी सुलझाने के लिए और तहक़ीक़ाती एजेंसीयां उसे तहवील में लेकर पूछगिछ कररही है । बावर किया जाता है कि काउंटर इंटेलिजेंस सेल को मक़बूल की हर नक़ल-ओ-हरकत की इतेला थी जिस के सबब दिल्ली पुलिस की तरफ से उस की गिरफ़्तारी पर तवज्जा नहीं दी गई । क्या क़ौमी तहक़ीक़ाती एजेंसी मक़बूल के ज़रीये इस केस में पेशरफ़त करेगी ?ये सवाल कई पुलिस ओहदेदारों को ताज्जुब में मुबतेला कररहा है ।