तहरीक अदमे इअतिमाद

रियासती असम्बली में अपोज़ीशन की तहरीक अदमे इअतिमाद पर राय दही के नताइज ने सयासी मकरूहात को वाज़िह कर दिया। हुक्मराँ पार्टी के दावा कमज़ोर साबित हुए और इस ने अपने ही अरकान को शकूक-ओ-शुबहात के गर्द-ओ-ग़ुबार में उड़ाकर दूसरी पार्टियों के वोटों से कामयाबी हासिल करने की कोशिश की। ऐवान में तहरीक अदमे इअतिमाद के हक़ में 122 और मुख़ालिफ़ में 160 दीए गए वोट के शवाहिद एक ख़ास कहानी बयान कररहे हैं। तेलगुदेशम की तहरीक अदमे इअतिमाद ने कांग्रेस की अक्सरियत की क़लई खोल दी। अब ये पार्टी ऐवान में मतलूब अक्सरियत से भी कम दर्जा को पहूंच गई है।

294 रुकनी असम्बली में कांग्रेस के सिर्फ 137 अरकान हैं जो सादा अक्सरियत साबित करने के लिए निस्फ़ निशान से भी कम है, तहरीक के ख़िलाफ़ वोटिंग का तरीका कार बताता है कि अरकान असम्बली ने अपनी वफ़ादारी की सतह पर उतर कर वोट दिया है। तेलगुदेशम, टी आर एस, सी पी आई, बी जे पी , सी पी आई एम के अरकान असम्बली और कांग्रेस के बागियों ने राय दही के लिए अपनी पार्टी वफ़ादारी का मुज़ाहरा किया। इस से किरण कुमार रेड्डी हुकूमत के लिए असल खेल अब शुरू होने का इज़हार होता है। कांग्रेस अपने बागियों के ख़िलाफ़ ना अहलीयत की सिफ़ारिश करती है तो दस्तूर के 10 वें शीडोल के क़ायदा (2) बी के तेहत पार्टी विहिप की ख़िलाफ़वरज़ी करने की पादाश में बाग़ी अरकान को कार्यवाईयों का सामना करना पड़ेगा।

जगन मोहन रेड्डी के 16 हामियों को नाअहल क़रार दिया जाय तो रियासत में ज़िमनी इंतिख़ाबात होंगे और पहले ही से तेलंगाना के हक़ में मुस्ताफ़ी 7 अरकान असम्बली की नशिस्तें भी मख्लुआ हैं उन पर भी ज़िमनी इंतिख़ाबात का इनइक़ादआने वाले दिनों में कांग्रेस पार्टी के लिए सयासी इमतिहान साबित होंगे। तेलगुदेशमसरबराह चंद्रा बाबू नायडू ने तहरीक अदमे इअतिमाद के नताइज को कांग्रेस हुकूमत के मुंह पर तमांचा क़रार दिया है। एक क़वी पार्टी अपने ही अरकान की ताईद से महरूम होती है तो इस पर एतिमाद का फीसद भी घट जाता है। हलीफ़ पार्टियों के वोटों से अपनी हुकूमत को बचाने वाली कांग्रेस 16 बागियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई का क़दम उठाती है तो इस के लिए आइन्दा चंद दिनों में मज़ीद मसाइल पैदा होंगे।

तहरीक अदमे इअतिमाद पर हुई राय दही ने जगन मोहन रेड्डी के भी बुलंद दावे की नफ़ी करदी है। उन्हों ने साहिली आंधरा में किसानों के मसाइल पर जलसे करते हुए अपने हक़ में 50 से ज़ाइद अरकान असम्बली की ताईद हासिल होने और कांग्रेस हुकूमत को गिराने की हिम्मत होने का दावा किया था लेकिन असम्बली में इन का दावा ग़लत साबित हुआ और उन के हामी अरकान की तादाद 50 से घट कर 16 होगई। किरण कुमार रेड्डी हुकूमत को सिर्फ हलीफ़ पार्टियों के दोटों से कामयाबी मिली है जो ख़ैरात में मिले हैं। इस लिए अब वो 16 बाग़ी अरकान के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के लिए कोई क़दम उठाने से क़बल ग़ौर-ओ-फ़िक्र करेगी।

अगर 16 अरकान को नाअहल क़रार दिया जाता है तो रियासत में ज़िमनी इंतिख़ाबात होंगे और ये इंतिख़ाबात अवाम के लिए ज़ाइद बोझ कहलाएंगे। किरण कुमार रेड्डी हुकूमत ने अपोज़ीशन की तहरीकअदमे इअतिमाद के असल मसला किसानों के मसाइल पर तवज्जा नहीं दी। बल्कि अपनी हुकूमत बचाने की फ़िक्र में अरकान असम्बली के साथ सौदेबाज़ी करने में मसरूफ़ रही। तेलगुदेशम ने तहरीक अदमे इअतिमाद को किसानों के मसाइल की यकसूई की जानिब तवज्जा देने के लिए पेश किया था , मर्कज़ और रियासती हुकूमतों ने रियासत के किसानों के मसाइल को नजरअंदाज़ किया है। हुकूमत ने अपोज़ीशन की तहरीक के सामने किसानों के हक़ में बेहतर पिया के जिस का ऐलान करने के बजाय अपनी बक़ा की फ़िक्र करने लगी। वैसे भी तहरीक के कांग्रेस की साख को वाज़ेह कर दिया है।

अब वो 16 बागियों के ख़िलाफ़ कोई क़दम उठाती है तो उसे ज़िमनी इंतिख़ाबात यह मिनी इलेक्शन का सामना करते हुए अपनी बच्ची कच्ची साख को दाव पर लगाना होगा। तेलंगाना और आंधरा मेंअवाम का ताज़ा ख़त एतिमाद मिलने के बाद ये यक़ीन से नहीं कहा जा सकता कि किरण कुमार रेड्डी के 2014 इंतिख़ाबात की क़ियादत करने के अज़ाइम पूरे होंगे। फ़िलहालकिरण कुमार रेड्डी अपनी कामयाबी पर मसरूर हैं वो ख़ुशी के मुस्तहिक़ भी हैं। अपनी एकसाला हुक्मरानी में कई एक मसाइल से निमटने के बाद तहरीक का सामना करके हुकूमत तो बचा लिया है तो अब उन्हें रियासत की दो धारी सियासत पर चल कर कामयाब होना है। एक तरफ़ ज़िमनी इंतिख़ाबात हैं दूसरी तरफ़ रियासत के कई अहम मसाइल हैं इस उफ़्ताद से जांबर होने के जतिन करने होंगे।

कांग्रेस हाईकमान के लिए वो एक बा इख़तियार लीडर बन कर उभरे हैं। इस लिए फ़िलहाल उन के लिए किसी सयासी बे यक़ीनीकी कैफ़ियत नहीं है। उन्हों ने अपने मुख़ालिफ़ीन ख़ासकर जगन मोहन रेड्डी के पाए को भी सुस्त कर दिया है लेकिन रियासत के सयासी हालात में अगर गर्मी पैदा करदी गई और कांग्रेस ने सयासी हमाक़त करके पार्टी के अरकान को मज़ीद नाराज़ किया तो अपोज़ीशन मज़बूत होगी किसानों के मसाइल के लिए लड़ने वाली तेलगुदेशम के लिए भी मौजूदा हालात आइन्दा हुक्मरानी के लिए हाथों में माला लिए खड़े नज़र आते हैं तो उसे सख़्त मेहनत करने की ज़रूरत है। ज़िमनी इंतिख़ाबात की सूरत में तेलगुदेशम को रियासत केअवाम के लिए पैदा करदा सयासी उलझनों से छुटकारा दिलाने का मौक़ा मिलेगा। तेलगुदेशम के अपने सयासी उसूल हैं उसे बहरहाल सयासी तय्यार करनी होगी आने वाले दिनों में हालात इस नहज पर पहूंच जाएंगे जहां उसे मिसाली तबदीली के लिए नाराज़नहोना पड़ेगा । रियासत के अवाम कांग्रेस के चेहरों से उकताहट महसूस करने लगे हैं।