तहरीक अद मे एतेमाद पेश करने अपोज़ीशन को चैलेंज

पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट की जानिब से गुजश्ता रोज़ तौहीन अदालत के जुर्म का मुर्तक़िब और कुसूरवार क़रार दीए जाने के एक दिन बाद वज़ीर-ए-आज़म यूसुफ़ रज़ा गीलानी ने आज अपोज़ीशन को चैलेंज किया कि वो उन के ख़िलाफ़ तहरीक अद मे एतेमाद पेश करे। उन्होंने कहा कि सिर्फ स्पीकर ही उन्हें नाअहल क़रार दे सकते हैं। मिस्टर गीलानी ने पार्लीयामेंट के ऐवान ज़ीरीं क़ौमी असेंबली से ख़िताब करते हुए कहा कि ये रिवायत है कि मुझे स्पीकर के सिवा कोई दूसरा नाअहल क़रार नहीं दे सकता ।

एसा हरगिज़ नहीं किया जा सकता है क्योंकि दस्तूर के तहत एसा कोई क्वानीन या कोई और गुंजाइश नहीं है । अगर आप ( स्पीकर) मुझे नाअहल क़रार देते हैं तो मैं आज ही ( ऐवान से ) चला जाउंगा । ये फैसला ऐवान के मुहाफ़िज़ पर मुनहसिर है। मिस्टर गीलानी ने इनसे मुताल्लिक़ मुतालिबा करने वाली असल अपोज़ीशन जमात पी एम एल ( नून ) को चैलेंज किया कि वो उन के ख़िलाफ़ तहरीक अद मे एतेमाद पेश करे ।

मिस्टर गीलानी ने इस्तेदलाल पेश किया कि पार्लियामेंट में हतमी अथॉरीटी है क्योंकि हर इदारा को पार्लीयामेंट से ही इख़्तेयारात हासिल होते हैं वाज़िह रहे कि सदर आसिफ़ अली ज़रदारी के ख़िलाफ़ रिश्वत सतानी के मुक़द्दमा का अहया करने से इन्कार पर सुप्रीम कोर्ट ने गुज़श्ता रोज़ मिस्टर गीलानी को तौहीन अदालत के जुर्म का मुर्तक़िब क़रार देते हुए 30 सेकेंड के लिए अलामती सज़ाए कैद दी थी । हुकूमत ने कहा है कि वो इस फैसला के ख़िलाफ़ अपील करेगी लेकिन काबे