तहलका के एडिटर इन चीफ तरुण तेजपाल पर जिंसी इस्तेहसाल का इल्ज़ाम लगाने वाली खातून सहाफी ने इस्तीफा दे दिया है। मैनेजिंग एडिटर शोमा चौधरी को भेजे अपने इस्तीफे में खातून सहाफी ने कहा है कि इस वाकिया में सिर्फ तेजपाल ही एक मुलाज़िम के तौर पर नाकाम नहीं हुए हैं, बल्कि ‘तहलका’ ने ख्वातीन , मुलाज़्मीन और सहाफियों को एकसाथ निराश किया है।
खातून सहाफी ने अपने इस्तीफे में लिखा है:
मिस चौधरी,
मैं फौरी असरात से तहलका मैगजीन में ##### के ओहदे से इस्तीफा दे रही हूं, क्योंकि तहलका के एडिटर-इन-चीफ तरुण तेजपाल ने इस साल नवंबर में 2 मौकों पर मेरा जिंसी इस्तेहसाल (sexually assaulted) किया। मुझे इस बात से गहरा सदमा पहुंचा है कि इदारे ने मेरी उतनी मदद नहीं की, जितनी करनी चाहिए थी। इस तरह के हालात में मेरे लिए इस इदारे में काम करना नामुम्किन है। अपनी बात की ताइद में मैं कुछ हकायक रखना चाहती हूं:
1. नवंबर 2013 की 7 और 8 तारीख को तरुण तेजपाल ने गोवा में थिंक फेस्टिवल के दौरान मेरा जिंसी जिंसी इस्तेहसाल (Sexual abuse) किया। मिस्टर तेजपाल की तरफ से किए गए Sexual Abuse के बारे में मैंने आपसे जो शिकायत की थी, उसके बाद उन्होंने माना कि वाकई ऐसा हुआ था और बिना शर्त माफी भी मांगी।
2. मैंने गुजारिश की थी कि मिस्टर तेजपाल कम से कम तहलका के स्टाफ और ब्यूरो के सामने खुलेआम माफी मांगे। मैं नहीं चाहती थी कि गलती मानते वक्त वह वाकिया के बारे में बहुत तफ्सील से लिखें। मैं चाहती थी कि उनके माफीनामे में sexual misconduct का जिक्र हो। आपने फोन पर हुई बातचीत के दौरान कहा कि तेजपाल ने अपने माफीनामे में इसका जिक्र इसिलए नहीं किया, क्योंकि उन्होंने इसमें ‘सेक्शुअल मॉलेस्टेशन’ का जिक्र कर दिया है।
आपने कहा था कि ऐसा इसलिए भी किया गया क्योंकि हमें अपने इदारे को भी बचाना है। इस बातचीत के दौरान मैंने कहा था, ‘मुझे पूरा यकीन है कि आप जो करेंगी, सही करेंगी।’
3. तहलका ब्यूरो को आवामी तौर पर भेजी गई Confession में मिस्टर तेजपाल और आपने उनकी हरकत को ‘एक नाखुशगवार वाकिया’ बताया है। यह ‘ इदाराको बचाने’ की कोशिश नहीं, बल्कि असल वाकिया पर पर्दा डालने की कोशिश थी। यह जानते हुए भी सच छिपाने की कोशिश थी कि मेरी नाखाहिश (reluctance) के बावजूद दो मौकों पर मेरे साथ ‘नाजाय्ज़ जिस्मानी ताल्लुक’ (उनकी ईमेल के मुताबिक) बनाने की कोशिश की गई थी। यही नहीं, कॉलीग्स से बात करते हुए आपने कुबूल किया था विशाखा गाइडलाइंस के मुताबिक ऐंटि-सेक्शुअल हरैसमेंट सेल बनाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि आपको मेरे तरफ से गए इल्ज़ामात पर पूरा यकीन था।
4. नैशनल चैनल्स में शुरु में आप यह जताती हुई दिखीं कि मैं तहलका की तरफ से उठाए गए कदमों से मुतमईन हूं। यह तब किया गया जब मिस्टर तेजपाल ने मुझे और आपको भेजी प्राइवेट ई-मेल्स में माफी मांगी। उन्होंने आवामी तौर पर अपने सेक्शुअल बदसुलूकी के लिए माफी नहीं मांगी थी और न ही आपने विशाखा गाइडलाइंस के हिसाब से ऐंटि-सेक्शुअल हरैसमेंट सेल बनाया था। ये तो मेरी शुरुआती मांगें थीं। इस तरह से मैं कहां ‘मुतमईन’ हो सकती थी। यही नहीं, मैंने तेजपाल की दोनों ई-मेल पर जवाब भेजा था। (इस जवाब में मैंने आपको और उन 3 कॉलीग्स को CC किया था, जिनपर मुझे भरोसा है)। अपने जवाब में मैंने लिखा था कि
– तेजपाल के इस सुलूक को सिर्फ ‘नाजायज़ जिंसी ताल्लुकात ‘ नहीं कहा जा सकता। वह तो भरोसे को तोड़नी वाला वाकिया था । एक ऐसी कोशिश, जो मेरी मुखालिफत के बावजूद की गई थी (इस बात को वह कुबूल कर चुके हैं)।
– बिना रज़ामंदी से किया गया कोई भी सेक्शुअल ऐक्ट किसी भी तरह से जस्टिफाई नहीं किया जा सकता।
– उस वाकिया के दौरान तेजपाल ने मुझे अपने ओहदे का रोब भी दिखाये थें, लेकिन उसका जिक्र उन्होंने अपने ई-मेल में नहीं किया था।
आपने इन ईमेल्स को लेकर मेरी नाराजगी को नजरअंदाज किया और आवामी तौर पर कहती रहीं कि मैं मुतमईन हूं।
5. अब आप यह जताने की कोशिश कर रही हैं कि उस वाकिया को लेकर मिस्टर तेजपाल के पास बताने के लिए दूसरी कहानी मौजूद है । यह जताने की कोशिश की जा रही है कि हो सकता है उस वाकिया में मेरी भी रज़ामंदी रही हो। इस दौरान, 22 नवंबर की रात को मिस्टर तेजपाल का कोई फैमिली मेंबर मेरी मां के घर में गया और मेरे वकील के बारे में मालूमात हासिल करने लगा। साथ ही वह यह भी जानना चाह रहा था कि मैं इस मामले में तेजपाल पर इल्ज़ाम लगाकर क्या हासिल करना चाहती हूं।
नैशनल न्यूज चैनलों से पता चल रहा है कि अपने दोस्तों को भेजे गए ई-मेल और टेक्स्ट मेसेजों में तेजपाल दावा कर रहे हैं कि जो कुछ हुआ, वह फौरी इत्तेफाक से हुआ वाकिया था । यह भी कहा गया उन्होंने आपके सख्त ख्वातीन के असूलोकी वजह से माफीनामा लिखा था।
गुजश्ता सालों में हमने मिलकर ख्वातीन के हुकूक की हिफाज़त की है। रेप, जिंसी इस्तेहसाल और ऑफिसों में होने वाली छेड़छाड़ के खिलाफ लिखा है। विक्टिम को ब्लेम करने वाली और उसके किरदार पर उंगली उठाने वाली सोच और कल्चर के खिलाफ बात की है। अब, जब मैं खुद इस तरह के क्राइम में विक्टिम हूं, यह देखकर बुरी तरह से टूट गई हूं कि एडिटर इन चीफ और आप अब डराने, किरदार खराब करने और लांछन लगाने का रास्ता अपना रहे हैं।
7 नंवबर के बाद हुई वाकियात को देखें, तो अकेले मिस्टर तेजपाल नहीं हैं जो एक एम्प्लॉयर के तौर पर नाकाम हुए हैं। तहलका ने भी ख्वातीन, मुलाज़्मीन , सहफियों और फेमिनिस्ट्स (Feminists) को भी नाकाम कर दिया है।
प्लीज, फौरी असरात (Immediate effect) मेरा इस्तीफा कुबूल करें।
———बशुक्रिया: नवभारत टाइम्स