ताज विजन को सामान्य बनाने में कोई बुराई नहीं है: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: सुप्रीमकोर्ट ने जुमेरात को कहा कि ताज-महल पर तैयार किए जाने वाले वीज़न डॉक्यूमेंट‌ आम किया जाना चाहिए। जस्टिस मुदुन बी लोकर की अध्यक्षता वाली एक बंच ने दिल्ली के मंसूबा योजना और फ़न वास्तुकला स्कूल की तरफ़ से तैयार किए जानेवाले वीज़न डॉक्यूमेंट को आम करने की बात कही और कहा कि इस वीज़न डॉक्यूमेंट में कुछ भी खु़फ़ीया नहीं है।

स्कूल की ओर‌ से बैंच के सामने दलील दी गई कि आगरा शहर में ताज-महल की हिफ़ाज़त और निगरानी के लिए एक वीज़न डॉक्यूमेंट‌ तैयार करने की योजना में है। उसने कहा कि ये दस्तावेज़ राज्य सरकार‌ को सौंपी जाएगी। ऐडीशनल सॉलीसिटर जनरल ए एन एस नाडकर्णी ने बैंच से कहा कि ताज-महल के लिए योजना का पहला ख़ाका को आठ हफ़्तों के अंदर अंतिम‌ शक्ल दी जाएगी। ये प्रदर्शनी यूनेस्को को सौंपा जाएगा।