तानपूरे और तंबूरे का फर्क़

पतरस बुख़ारी रेडियो स्टेशन के डायरेक्टर थे एक मर्तबा मौलाना ज़फ़र अली ख़ानसाहब को तक़रीर के लिए बुलाया तक़रीर की रिकार्डिंग के बाद मौलाना पतरस के दफ़्तर में आकर बैठ गए।

बात शुरू करने की ग़रज़ से अचानक मौलाना ने पूछा, `पतरस ये तानपूरे और तंबूरे में क्या फ़र्क़ होता है।`

पतरस ने एक लम्हा सोचा और फिर बोले, मौलाना आप की उम्र क्या होगी?

इस पर मौलाना गड़बड़ा गए और बोले, ` भई यही कोई पछत्तर साल होगी।`

पतरस कहने लग, मौलाना जब आप ने पछत्तर साल ये फ़र्क़ जाने बगै़र गुज़ार दिए तो दो चार साल और गुज़ार लीजिए।